Get App

Manufacturing PMI: भारत का मैन्युफैक्चरिंग PMI मार्च में तीन महीने के हाई पर, हिट किया 56.4 का स्तर

Manufacturing PMI:भारत के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर ने वित्तवर्ष 2022-23 के अंतिम तिमाही में जोरदार प्रदर्शन किया है। वित्त वर्ष के अंतिम तीन महीनों में कारखानों को मिलने वाले ऑर्डर और इनके उत्पादन दोनों में तिमाही आधार पर सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिली है। कंपनियों ने बताया है कि इस अवधि में उनकी मार्केटिंग रणनीति ने अच्छा प्रतिफल दिया है। इसके अलावा में मांग में मजबूती और कम्पिटीटिव प्राइसिंग से भी मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों को बल मिला है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 03, 2023 पर 11:46 AM
Manufacturing PMI: भारत का मैन्युफैक्चरिंग PMI मार्च में तीन महीने के हाई पर, हिट किया 56.4 का स्तर
मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई में मजबूती का ये आंकड़ा कल आए जीएसटी आंकड़ों के एक ही दिन बाद आया है। बता दें कि मार्च में भारत का कुल जीएसटी कलेक्शन जोरदार बढ़त के साथ 1.6 लाख करोड़ रुपये पर रहा है

Manufacturing PMI:मार्च महीने में भारत के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ में तेजी कायम रही है। 3 अप्रैल को आए आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2023 में भारत का एस एंड पी ग्लोबल पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) फरवरी के 55.3 के स्तर से बढ़कर 56.4 के स्तर पर आ गया है। बता दें की अगर ये आंकड़ा 50 के ऊपर रहता है तो इसका मतलब ये होता है कि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों में तेजी आई है। वहीं, अगर ये आंकड़ा 50 के नीचे होता है तो इसका मतलब ये होता है कि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियों में गिरावट आई है। ये भी बताते चलें की मार्च 2023 में लगातार 21वें महीने ये आंकड़ा 50 के ऊपर रहा है। 56.4 के स्तर पर मार्च 2023 का मैन्यूफैक्चरिंग पीएमआई का ये आंकड़ा तीन महीने का हाइएस्ट लेवल है।

नए निर्यात ऑर्डर बढ़ने से मार्च में भारतीय सामानों की विदेशी मांग भी बढ़ी

एसएंडपी ग्लोबल ने एक बयान में कहा, "भारत के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर ने वित्तवर्ष 2022-23 के अंतिम तिमाही में जोरदार प्रदर्शन किया है। वित्त वर्ष के अंतिम तीन महीनों में कारखानों को मिलने वाले ऑर्डर और इनके उत्पादन दोनों में तिमाही आधार पर सबसे ज्यादा बढ़त देखने को मिली है। कंपनियों ने बताया है कि इस अवधि में उनकी मार्केटिंग रणनीति ने अच्छा प्रतिफल दिया है। इसके अलावा में मांग में मजबूती और कम्पिटीटिव प्राइसिंग से भी मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों को बल मिला है"।

नए निर्यात ऑर्डर बढ़ने से मार्च में भारतीय सामानों की विदेशी मांग भी बढ़ी है। हालांकि, ऐतिहासिक स्तरों की तुलना में देखें तो नए निर्यात ऑर्डरों में बढ़त की दर सुस्त रही है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें