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जून में सर्विस PMI 58.9 से बढ़कर 59.2 पर आई, अप्रैल 2011 के बाद दिखी सबसे बड़ी तेजी

जून महीने में कंपनियां अपनी बढ़ती उत्पादन लागत को उपभोक्ताओं पर पासऑन करती नजर आई हैं जिसके चलते जून 2022 में जुलाई 2017 के बाद कीमतों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 05, 2022 पर 1:39 PM
जून में सर्विस PMI 58.9 से बढ़कर 59.2 पर आई, अप्रैल 2011 के बाद दिखी सबसे बड़ी तेजी
जून में सर्विसेज PMI मई के 58.9 से बढ़कर 59.2 पर रही है। वहीं, कंपोजिट PMI मई के 58.3 से घटकर 58.2 पर रही है

भारत की सर्विस सेक्टर की गतिविधि में जून में एक बार फिर बढ़ोतरी देखने को मिली है। 05 जून को जारी आंकड़ों के मुताबिक जून महीने में S&P Global इंडिया सर्विसेज परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) 59.2 पर रही है जो कि अप्रैल 2011 के बाद सबसे हाइएस्ट लेवल है। जून में सर्विसेज PMI मई के 58.9 से बढ़कर 59.2 पर रही है। वहीं, कंपोजिट PMI मई के 58.3 से घटकर 58.2 पर रही है। यह भी ध्यान में रहे कि PMI का 50 से कम का आंकड़ा इस बात का संकेत होता है कि कारोबारी गतिविधियों में गिरावट आई है। वहीं 50 से ज्यादा का आंकड़ा इस बात का संकेत होता है कि कारोबार गतिविधियों में तेजी आई है।

S&P Global ने अपने एक स्टेटमेंट मे कहा है कि जून में खत्म हुई तिमाही में सर्विस सेक्टर की कंपनियों को अच्छी मात्रा में नए वर्क ऑर्डर मिले हैं। इस बयान में यह भी कहा गया है कि देश की इकोऩॉमी में मांग की स्थिति भी मजबूत है। हालांकि बढ़ती महंगाई की चिंता दबाव बनाए हुए है। उत्पादन लागत में बढ़त अपने ऐतिहासिक स्तरों से ऊंची रही है। हालांकि जून महीने में इसमें कुछ नरमी आती दिखी है।

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जून महीने में कंपनियां अपनी बढ़ती उत्पादन लागत को उपभोक्ताओं पर पासऑन करती नजर आई हैं जिसके चलते जून 2022 में जुलाई 2017 के बाद कीमतों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली है।

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