Tips For 2025 CBSE Board Exams: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) 15 फरवरी से 2025 के लिए कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने जा रहा है। परीक्षा में अब तीन ही दिन बचे हैं। छात्र इन महत्वपूर्ण परीक्षाओं में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। छात्रों के लिए परीक्षा नियमों और मूल्यांकन मानदंडों के बारे में चिंता होना स्वाभाविक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में कई विषयों पर छात्रों के साथ बात की।
विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए छात्रों के साथ बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि छात्रों को किसी दायरे में बांधा नहीं जाना चाहिए। उन्हें अपनी अभिलाषा को तलाशने की अनुमति दी जानी चाहिए। उन्होंने छात्रों से अपने समय का उपयोग योजनाबद्ध तरीके से करने को कहा ताकि इसका प्रभावी प्रबंधन हो सके।
माता-पिता से अपने बच्चों को दिखावे के लिए मॉडल के रूप में इस्तेमाल नहीं करने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि अभिभावकों को बच्चों की तुलना दूसरों से नहीं करनी चाहिए बल्कि उनका समर्थन करना चाहिए।
कई पेरेंट्स ने शिकायत की है कि CBSE एग्जाम से पहले छात्रों का पढ़ाई में मन नहीं लगना। हालांकि, एक्सपर्ट का कहना है कि इसे काबू किया जा सकता है। 'लोकल 18' ने मनोवैज्ञानिक डॉ. मनीष मिश्रा से इस बारे में राय ली है। डॉ. मनीष मिश्रा ने कहा कि छात्रों के डिस्ट्रैक्ट होने का सबसे बड़ा कारण है कि उनके मन में धैर्य नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे छात्र मेहनत से अधिक शॉर्टकट के बारे में सोचते रहते हैं। इस वजह से उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता है।
उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा कारण मोबाइल फोन है। क्योंकि इस दौरान छात्र सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की तरफ मूड जाते हैं। छात्रों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनका मूड जब अच्छा हो तो वह उस सब्जेक्ट को पढ़ें जिसमें उनकी रूचि कम यानी कमजोर हैं। वहीं, जब मूड पूरी तरह अच्छा ना हो तो उस विषय को पढ़ें जिसमें आपको आनंद आता है। इन नियमों का पालन करने से उनका मन भटकेगा नहीं। परीक्षा के टाइम छात्र सभी रिश्ते को दरकिनार कर सिर्फ और सिर्फ अपनी तैयारी पर ध्यान दें।
'तनाव होने पर माता-पिता से बात करें'
बॉलीवु अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने बुधवार को प्रसारित पीएम मोदी के 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में स्कूली छात्रों से बातचीत करते हुए कहा कि अपने तनाव के कारणों की पहचान करें और उसे किसी ऐसे व्यक्ति के साथ साझा करें जिस पर वह भरोसा कर सकें। अभिनेत्री ने 'परीक्षा पे चर्चा' के एक विशेष सत्र में मानसिक स्वास्थ्य, तनाव प्रबंधन और परीक्षा के दौरान शांत रहने के तरीके पर अपने विचार साझा किए।
दीपिका ने कहा, "मुझे लगता है कि प्रतिस्पर्धा और तुलना जीवन का एक हिस्सा है। प्रतिस्पर्धा कोई बुरी चीज नहीं है। लेकिन अपनी क्षमताओं और कमजोरियों को पहचानना, अपनी ताकत पर ध्यान केंद्रित करना और कमजोरियों को दूर करने के लिये इस पर काम करना ही इसका सबसे अच्छा तरीका है।" अभिनेत्री ने इस दौरान ने अपने अवसाद से संघर्ष की कहानी भी साझा की और छात्रों को खुश रहने की सलाह दी।
उन्होंने कहा, "तनाव से निपटने के लिए परीक्षा की पूर्व संध्या पर अपने माता-पिता से बात करें। अपने तनाव के कारणों की पहचान करें और इसे किसी ऐसे व्यक्ति के साथ साझा करें जिस पर आप विश्वास कर सकते हैं।" दीपिका ने वर्ष 2015 में अपने अवसाद के बारे में खुलासा किया था। उन्होंने कहा कि भारत में मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा को पहले प्रोत्साहित नहीं किया जाता था।
इन तीन बातों का रखें ध्यान
एक छात्र ने मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए सुझाव मांगे, जिस पर दीपिका ने तीन महत्वपूर्ण बातों पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "पहला नींद बहुत जरूरी है। यह एक मुफ्त में मिलने वाली सुपरपावर है। आपको पर्याप्त धूप और ताजी हवा में समय बिताना चाहिए और सबसे जरूरी है कि जरूरत पड़ने पर मदद लेने में संकोच न करें।" साथ ही उन्होंने धैर्य बनाए रखने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि व्यक्ति केवल वही कर सकता है जो उसके नियंत्रण में होता है।
एक्ट्रेस ने कहा कि छोटा सा ब्रेक लें और दिमाग को आराम दें। उसके बाद फिर से पढ़ाई पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि परीक्षा, परिणाम या तैयारी से जुड़ी किसी भी चिंता के लिए धैर्य रखना जरूरी है... अच्छी नींद लें, पानी पीते रहें, व्यायाम करें और ध्यान लगाएं।