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Electoral Bonds पर घमासान, पूर्व वित्त सचिव ने SBI की इस प्रक्रिया को बताया पूरी तरह से गैरकानूनी

गर्ग का बयान चुनाव आयोग के जरिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर SBI के जरिए पेश किए गए संपूर्ण चुनावी बॉन्ड डेटा प्रकाशित करने के कुछ दिनों बाद आया है ताजा डेटा में अल्फा-न्यूमेरिक नंबर शामिल हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 23, 2024 पर 11:13 PM
Electoral Bonds पर घमासान, पूर्व वित्त सचिव ने SBI की इस प्रक्रिया को बताया पूरी तरह से गैरकानूनी
भारतीय स्टेट बैंक चुनावी बॉन्ड बेचने और भुनाने के लिए अधिकृत एकमात्र बैंक था।

Electoral Bonds Case: चुनावी बॉन्ड मामले में देश में घमासान देखने को मिल रहा है। इस बीच पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग ने चुनावी बॉन्ड मामले में स्टेट ऑफ बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के एक्शन को "पूरी तरह से गैरकानूनी और अप्रत्याशित" बताया है। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए गर्ग ने कहा कि बैंक को चुनावी बॉन्ड के यूनिक अल्फा-न्यूमेरिक नंबरों को रिकॉर्ड नहीं करना चाहिए था।

उल्लंघन किया

गर्ग ने कहा, "ऐसा करके उसने (SBI) ने चुनावी बॉन्ड योजना, 2018 के तहत दानदाताओं से किए गए गुमनामी के वादे का उल्लंघन किया है।" बांड नंबरों से बॉन्ड खरीदने वालों और उन्हें भुनाने वाले राजनीतिक दलों का मिलान करने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड की अल्फान्यूमेरिक संख्या को रिकॉर्ड करके एसबीआई ने "उस योजना की मूल विशेषता पर प्रहार किया है जो 2018 में सरकार के जरिए गुमनाम राजनीतिक दान को सक्षम करने के लिए लाई गई थी।"

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