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दिवालिया मामलों के निपटारे में तेजी के लिए सरकार NCLT में करेगी बड़े बदलाव - सूत्र

सरकार NCLT में बड़ा बदलाव करने जा रही है। दिवालिया मामलों के निपटारे में तेजी लाने के लिए ये बदलाव किये जायेंगे। किसी कंपनी ने डिफाल्ट किया है या नहीं इसे साबित करने के लिए क्रेडिटर्स को लंबी प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बदलाव के बाद NSDL के डेटा को ही कंपनी के डिफॉल्ट साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत माना जाएगा

Alok Priyadarshiअपडेटेड Aug 17, 2023 पर 5:53 PM
दिवालिया मामलों के निपटारे में तेजी के लिए सरकार NCLT में करेगी बड़े बदलाव - सूत्र
दिवालिया मामलों को तेजी से निपटाने के लिए MCA नये नियम बना रहा है। नये नियमों को NCLT की नई ड्राफ्ट गाइडलाइन में शामिल किया जा सकता है

दिवालिया मामलों के निपटारे में तेजी लाने के लिए सरकार NCLT में बड़ा बदलाव करने जा रही है। किसी कंपनी ने डिफाल्ट किया है या नहीं इसे साबित करने के लिए क्रेडिटर्स को लंबी मशकक्त करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हमारे सहयोगी चैनल सीएनबीसी-आवाज़ को खास सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बदलाव के बाद NSDL के डेटा को ही कंपनी के डिफॉल्ट साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत माना जाएगा। आज के समय में कंपनी के डिफॉल्ट को प्रूव करने में काफी लंबा समय लगता है। कानूनी प्रक्रिया के लंबे खिंचने से परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए सरकार द्वारा प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एनसीएलटी में बदलाव करने का मन बनाया गया है।

NSDL के आंकड़े ही माने जाएंगे सबूत

इस खबर पर ज्यादा जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के आलोक प्रियदर्शी ने सूत्रों के हवाले से कहा कि NCLT कानून में बदलाव होने जा रहा है। दिवालिया मामला दर्ज होने में अब देरी नहीं होगी। कंपनी के डिफॉल्ट होने पर NSDL (National Securities Depository Limited) के आंकड़े ही अब से सबूत माने जाएंगे।

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