दिवालिया मामलों के निपटारे में तेजी लाने के लिए सरकार NCLT में बड़ा बदलाव करने जा रही है। किसी कंपनी ने डिफाल्ट किया है या नहीं इसे साबित करने के लिए क्रेडिटर्स को लंबी मशकक्त करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हमारे सहयोगी चैनल सीएनबीसी-आवाज़ को खास सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बदलाव के बाद NSDL के डेटा को ही कंपनी के डिफॉल्ट साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत माना जाएगा। आज के समय में कंपनी के डिफॉल्ट को प्रूव करने में काफी लंबा समय लगता है। कानूनी प्रक्रिया के लंबे खिंचने से परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए सरकार द्वारा प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एनसीएलटी में बदलाव करने का मन बनाया गया है।