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Mann Ki Baat: मन की बात में पीएम मोदी ने दिया सेहत का मंत्र, देश में हर 8 में एक शख्स मोटापे का शिकार

Mann Ki Baat: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने स्पेस सेक्टर, AI सेक्टर, लोगों के हेल्थ के टिप्स समेत कई मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा कि देश में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इससे निपटना बेहद जरूरी है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 23, 2025 पर 11:50 AM
Mann Ki Baat: मन की बात में पीएम मोदी ने दिया सेहत का मंत्र, देश में हर 8 में एक शख्स मोटापे का शिकार
Mann Ki Baat: 'मन की बात' कार्यक्रम आकाशवाणी के 500 से अधिक केंद्रों से प्रसारित होता है।

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रविवार (23 फरवरी 2025) अपने रेडियो प्रोग्राम मन की बात के जरिए देशवासियों संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी की मन की बात का ये 119वां एपिसोड रहा है। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 11 बजे से हो गई है। मन की बात के जरिए पीएम मोदी ने कहा कि इन दिनों चैंपियंस ट्रॉफी चल रही है और हर तरफ क्रिकेट का माहौल है। क्रिकेट में सेंचुरी का रोमांच क्या होता है, ये तो हम सब भली-भांति जानते हैं। लेकिन आज मैं, आप सबसे क्रिकेट नहीं, बल्कि भारत ने स्पेस में जो शानदार सेंचुरी बनाई है उसकी बात करने वाला हूं। पीएम मोदी ने कहा, पिछले महीने देश इसरो (ISRO) के 100वें रॉकेट की लॉचिंग की है। यह सिर्फ एक  नंबर नहीं है, बल्कि इससे स्पेस साइंस में नित नई ऊंचाइयों को छूने के हमारे संकल्प का भी पता चलता है।

हमारी स्पेस यात्रा की शुरुआत बहुत ही सामान्य तरीके से हुई थी। इसमें कदम-कदम पर चुनौतियां थीं, लेकिन हमारे वैज्ञानिक, विजय प्राप्त करते हुए, आगे बढ़ते ही गए। समय के साथ अंतरिक्ष की इस उड़ान में हमारी सफलताओं की लिस्ट काफी लंबी होती चली गई। बता दें कि मन की बात कार्यक्रम हर महीने के तीसरे हफ्ते प्रसारित किया जाता है।

स्पेस सेक्टर में नारी शक्ति की भागीदारी बढ़ी – पीएम मोदी

मन की बात में पीएम मोदी ने कहा कि लॉन्च व्हिकल का निर्माण हो, चंद्रयान की सफलता हो, मंगलयान हो, आदित्य L-1 या फिर एक ही रॉकेट से, एक ही बार में, 104 सैटेलाइट को स्पेस में भेजने का अभूतपूर्व मिशन हो – इसरो (ISRO) की सफलताओं का दायरा काफी बड़ा रहा है। पिछले 10 सालों में ही करीब 460 सैटेलाइट लॉन्च की गई हैं। इसमें दूसरे देशों की भी बहुत सारी सैटेलाइट शामिल हैं। हाल के सालों की एक बड़ी बात ये भी रही है कि स्पेस साइंस की हमारी टीम में नारी-शक्ति की भागीदारी लगातार बढ़ रही है।

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