Get App

ओडिशा ट्रेन हादसा: इंटरलॉकिंग सिस्टम में छेड़छाड़ या दुर्घटनास्थल के पास तोड़फोड़ की आशंका, CBI ने शुरू की जांच

बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी से जुड़ा यह भीषण हादसा दो जून की शाम लगभग 7 बजे हुआ। हादसे में कम से कम 275 लोगों की मौत हो गई और 1,100 से अधिक लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने रविवार को कोरोमंडल एक्सप्रेस के ड्राइवर को भी यह कहकर क्लीन चिट दे दी कि उसके पास आगे बढ़ने के लिए हरी झंडी थी

Akhileshअपडेटेड Jun 06, 2023 पर 11:31 AM
ओडिशा ट्रेन हादसा: इंटरलॉकिंग सिस्टम में छेड़छाड़ या दुर्घटनास्थल के पास तोड़फोड़ की आशंका, CBI ने शुरू की जांच
Odisha Train Crash: रेलवे बोर्ड ने रविवार को हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी

Odisha Coromandel Express Accident: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की 10 सदस्यीय टीम ने बालासोर ट्रेन दुर्घटना स्थल का सोमवार को दौरा किया और अपनी जांच शुरू की। खुर्दा रोड मंडल के डीआरएम आर रॉय ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार सीबीआई जांच शुरू हो गई है लेकिन विस्तृत डिटेल्स अभी उपलब्ध नहीं है। रेलवे बोर्ड ने रविवार को हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। सीबीआई के पास अब इस तकनीकी जांच को जल्द से जल्द पूरा करने की जिम्मेदारी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वास्तव में ओडिशा दुर्घटना के असली कारण क्या थे।

रेलवे ने ओडिशा ट्रेन हादसे में ड्राइवर की गलती और सिस्टम की खराबी की संभावना से इनकार करते हुए संभावित 'तोड़फोड़' और 'इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग' सिस्टम से छेड़छाड़ का संकेत दिया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दुर्घटना के असल कारण का पता लगा लिया गया है और इसके लिए जिम्मेदार अपराधियों की पहचान कर ली गई है। बालासोर जिले में दुर्घटनास्थल पर उन्होंने कहा, 'यह (हादसा) इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और प्वाइंट मशीन में किए गए बदलाव के कारण हुआ।' इसी के साथ अब हादसे की जांच के लिए सीबीआई से सिफारिश कर दी गई है।

दिल्ली में रेलवे के शीर्ष अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि 'प्वाइंट मशीन' और इंटरलॉकिंग सिस्टम कैसे काम करती हैं। उन्होंने कहा कि सिस्टम त्रुटि रहित और विफलता में भी सुरक्षित' (फेल सेफ) है। अधिकरियों ने बाहरी हस्तक्षेप की संभावना से इनकार नहीं किया। रेलवे बोर्ड की परिचालन और व्यवसाय विकास मामलों की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने कहा, 'इसे 'फेल सेफ' प्रणाली कहा जाता है, तो इसका मतलब है कि अगर यह फेल भी हो जाए तो सारे सिग्नल लाल हो जाएंगे और ट्रेन का सारा परिचालन बंद हो जाएगा।'

सिस्टम में किसी खराबी की संभावना से इनकार

सब समाचार

+ और भी पढ़ें