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'अरविंद केजरीवाल ने रची साजिश' दिल्ली हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी को माना सही, जमानत देने से इनकार

दिल्ली हाई कोर्ट का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है और अदालत को चुनाव के समय की परवाह किए बिना कानून के अनुसार, उनकी गिरफ्तारी और रिमांड की जांच करनी होगी। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा, मुख्यमंत्री या किसी और के लिए कोई विशेषाधिकारी नहीं हो सकता है। गिरफ्तारी कानून का उल्लंघन नहीं है और न ही रिमांड को अवैध नहीं कहा जा सकता है

Shubham Sharmaअपडेटेड Apr 09, 2024 पर 4:31 PM
'अरविंद केजरीवाल ने रची साजिश' दिल्ली हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी को माना सही, जमानत देने से इनकार
दिल्ली हाई कोर्ट से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका!

दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) से एक बार फिर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका भी खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि ED के पास पर्याप्त मटेरियल था, जिसके कारण उन्हें केजरीवाल को गिरफ्तार करना पड़ा। दिल्ली हाई कोर्ट का ये भी कहना है कि केजरीवाल के जांच में शामिल न होने और उनके की ओर से की गई देरी का असर न्यायिक हिरासत में बंद दूसरे लोगों पर भी पड़ रहा है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि ED 'हवाला' मटेरियल के रूप में पर्याप्त मटेरियल रखने में सक्षम था। उसके पास सरकारी गवाह का बयान था कि उसे गोवा चुनाव के लिए कैश में पैसा दिया गया था। उनकी गिरफ्तारी कानून का उल्लंघन नहीं है और न ही रिमांड को अवैध नहीं कहा जा सकता है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने रची साजिश- हाई कोर्ट

हाई कोर्ट से हाई कोर्ट ने कहा, "ED की तरफ से जुटाई की गई मटेरियल से पता चलता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शराब घोटाले में दूसरे लोगों के साथ मिलकर साजिश रची थी।" अदालत अरविंद केजरीवाल की ओर से शराब नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

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