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Lok Sabha Speaker: 1976 के बाद पहली बार होगा लोकसभा स्पीकर का चुनाव, तीन बार आए ऐसे मौके, जब करानी पड़ी वोटिंग

Lok Sabha Speaker: आजादी के बाद से, केवल एम ए अय्यंगार, जी एस ढिल्लों, बलराम जाखड़ और जी एम सी बालयोगी ने अगली लोकसभाओं में इस प्रतिष्ठित पद को बरकरार रखा है। जाखड़ सातवीं और आठवीं लोकसभा के अध्यक्ष थे और उन्हें दो पूर्ण कार्यकाल पूरा करने वाले एकमात्र पीठासीन अधिकारी यानी स्पीकर होने का गौरव हासिल है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 25, 2024 पर 8:41 PM
Lok Sabha Speaker: 1976 के बाद पहली बार होगा लोकसभा स्पीकर का चुनाव, तीन बार आए ऐसे मौके, जब करानी पड़ी वोटिंग
Lok Sabha Speaker: लोकसभा में 1976 के बाद पहली बार होगा स्पीकर का चुनाव

लोकसभा बुधवार को अध्यक्ष पद के लिए चुनाव का गवाह बनेगी, जो 1976 के बाद इस तरह का पहला मौका होगा। कांग्रेस सदस्य कोडिकुनिल सुरेश को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार ओम बिरला के खिलाफ विपक्ष का उम्मीदवार बनाया गया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिए जाने के संदर्भ में आश्वासन देने में विफल रहे। स्वतंत्र भारत में लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए केवल तीन बार 1952, 1967 और 1976 में चुनाव हुए।

साल 1952 में कांग्रेस सदस्य जी वी मावलंकर को लोकसभा अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। मावलंकर को प्रतिद्वंद्वी शांताराम मोरे के खिलाफ 394 वोट मिले, जबकि मोरे सिर्फ 55 वोट हासिल करने में सफल रहे।

साल 1967 में टी. विश्वनाथम ने कांग्रेस उम्मीदवार नीलम संजीव रेड्डी के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव लड़ा। रेड्डी को विश्वनाथम के 207 के मुकाबले 278 वोट मिले और वह अध्यक्ष चुने गए।

इमरजेंसी के बाद हुआ स्पीकर चुनाव

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