Get App

Lok Sabha: विपक्ष को ही मिलता आया है लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद, पुरानी सरकारों में भी नभाई गई संसदीय परंपरा

Lok Sabha Deputy Speaker: विपक्ष की मांग है कि वो लोकसभा स्पीकर के पद के लिए इसी शर्त पर सरकार का साथ देगा, जब लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद उसे ही मिले, क्योंकि ये एक परंपरा है। एक जवाबदेह लोकतांत्रिक संसद चलाने के लिए सत्तारूढ़ दल के अलावा किसी दूसरे दल से लोकसभा के उपाध्यक्ष का चुनाव करना संसदीय परंपरा है। इतिहास में भी ऐसा ही होता आया है

Shubham Sharmaअपडेटेड Jun 25, 2024 पर 2:19 PM
Lok Sabha: विपक्ष को ही मिलता आया है लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद, पुरानी सरकारों में भी नभाई गई संसदीय परंपरा
Lok Sabha: विपक्ष को ही मिलता आया है लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद

देश के इतिहास में ये पहली बार है, जब लोकसबा स्पीकर के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष में कोई सहमति नहीं बन पाई और इस पद के लिए चुनाव कराने का नौबत आ गई है। सत्ताधारी NDA की ओर से 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष और BJP सासंद ओम बिरला ने स्पीकर के चुनाव के लिए नामांक दाखिल किया, तो वहीं विपक्ष ने कांग्रेस सांसद के सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाया है। असल में ये सारा फसाद तब शुरू हुआ, जब विपक्ष ने सत्ता पक्ष के सामने एक शर्त रख दी।

विपक्ष की मांग है कि वो लोकसभा स्पीकर के पद को लेकर इसी शर्त पर सरकार का साथ देगा, जब लोकसभा के डिप्टी स्पीकर का पद उसे ही मिले, क्योंकि ये एक परंपरा है।

डिप्टी स्पीकर पद को लेकर खींचतान

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मीडिया से कहा, "लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिए जाने की परंपरा रही है और अगर नरेंद्र मोदी सरकार इस परंपरा का पालन करती है, तो पूरा विपक्ष सदन के अध्यक्ष के चुनाव में सरकार का समर्थन करेगा।"

सब समाचार

+ और भी पढ़ें