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Sambhal Riots: क्या 1978 के संभल दंगों की फिर खुलेगी फाइल? मीडिया रिपोर्ट्स पर SP ने साफ की तस्वीर

Sambhal Riots: यूपी के संभल में 1978 के सांप्रदायकि दंगे के मामले 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुए हिंसा के बाद सामने आए। कुछ ही दिन बाद संभल में प्राचीन कार्तिक महादेव मंदिर का पुनः उद्घाटन हुआ। इस मौके पर पलायन कर चुके लोगों ने बताया कि 1978 में हुए दंगों के कारण ही वे अपने घर छोड़कर चले गए थे

Akhileshअपडेटेड Jan 09, 2025 पर 2:28 PM
Sambhal Riots: क्या 1978 के संभल दंगों की फिर खुलेगी फाइल? मीडिया रिपोर्ट्स पर SP ने साफ की तस्वीर
Sambhal Riots: MLC श्रीचंद्र शर्मा द्वारा 1978 दंगों की जांच रिपोर्ट मांगी गई है

Sambhal 1978 Riots: उत्तर प्रदेश के संभल में साल 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगों को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दावा किया जा रहा है कि 1978 में हुए दंगों के जांच प्रक्रिया तेज हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो संभल शासन से उपसचिव गृह पुलिस ने एक पत्र भेजकर पुलिस अधीक्षक (SP) को निर्देश दिया कि इस मामले की जांच के लिए एएसपी को नामित किया जाए। बताया जा रहा है कि एएसपी को जांच का जिम्मा सौंप दिया गया है। इससे पहले, जिलाधिकारी (डीएम) को एसपी ने पत्र लिखकर प्रशासनिक अधिकारी को नामित करने और संयुक्त जांच करने के लिए कहा, ताकि शासन को एक रिपोर्ट भेजी जा सके।

हालांकि, संभल के एसपी कृष्ण बिश्नोई ने 1978 में संभल में हुए दंगे की फिर से जांच की खबरों को भ्रामक बताया है। उन्होंने गुरुवार (9 जनवरी) को पत्रकारों से कहा, "सोशल मीडिया पर और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स 1978 के दंगों की जांच की बात का दावा कर रहे हैं। विधानसभा में एक सदस्य MLC श्रीचंद्र शर्मा द्वारा 1978 दंगों की एक जांच रिपोर्ट मांगी गई थी। इसके लिए शासन की तरफ से आख्या मांगी गई है। अब सभी रिपोर्ट को संकलित किया जा रहा है, जिसे शासन को भेजा जाएगा। दुबारा जांच जैसी कोई बात नहीं है। यह एक भ्रामक खबर है।"

अब क्यों हो रही दंगों की चर्चा?

यह दंगे 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुए हिंसा के बाद सामने आए। कुछ ही दिन बाद संभल में प्राचीन कार्तिक महादेव मंदिर का फिर से उद्घाटन हुआ। संभल में 14 दिसंबर को शिव मंदिर का 46 साल बाद ताला खुला। इसके बाद 1978 के दंगा पीड़ितों ने अपनी दास्तान सुनाई थी। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में भी 1978 के दंगे का जिक्र किया था।

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