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Ram Mandir: राम मंदिर आंदोलन में शामिल हिंदू कार्यकर्ताओं पर मंडरा रहा गिरफ्तारी का खतरा, जानें क्यों

Ram Mandir: हुबली पुलिस ने 5 दिसंबर 1992 को एक अल्पसंख्यक की दुकान में आग लगाने के कथित मामले में श्रीकांत पुजारी को गिरफ्तार किया। पुजारी इस मामले में तीसरा आरोपी है और पुलिस अन्य आठ आरोपियों की तलाश कर रही है। पुजारी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है

Akhileshअपडेटेड Jan 01, 2024 पर 6:06 PM
Ram Mandir: राम मंदिर आंदोलन में शामिल हिंदू कार्यकर्ताओं पर मंडरा रहा गिरफ्तारी का खतरा, जानें क्यों
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Ram Mandir Pran Pratishtha Ceremony: जैसे-जैसे अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख नजदीक आ रही है, कांग्रेस की अगुवाई वाली कर्नाटक पुलिस विभाग ने राम मंदिर कार्यकर्ताओं के खिलाफ जांच के लिए मामले खोल दिए हैं। बता दें कि राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी में होने वाला है। इस बीच, कर्नाटक पुलिस विभाग ने तीन दशक पहले राम मंदिर के लिए आंदोलन के चरम पर कथित तौर पर संपत्ति के नष्ट किए जाने और अन्य मामलों में शामिल कार्यकर्ताओं के खिलाफ जांच के लिए मामले उठाए हैं।

सूत्रों ने न्यूज एजेंसी IANS को बताया कि पुलिस विभाग ने एक स्पेशल टीम का गठन किया था। पुलिस ने उन आरोपियों की एक लिस्ट तैयार की थी, जो 1992 के राम मंदिर आंदोलन के दौरान आपराधिक मामलों में शामिल थे, जिसके चलते हिंसा और सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं।

श्रीकांत पुजारी गिरफ्तार

हुबली पुलिस ने 5 दिसंबर 1992 को एक अल्पसंख्यक की दुकान में आग लगाने के कथित मामले में श्रीकांत पुजारी को गिरफ्तार किया। पुजारी इस मामले में तीसरा आरोपी है और पुलिस अन्य आठ आरोपियों की तलाश कर रही है। पुजारी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इसी तरह, हुबली पुलिस ने 300 आरोपियों की एक लिस्ट तैयार की है, जो कथित तौर पर 1992 और 1996 के बीच हुई सांप्रदायिक झड़पों में वांछित थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपियों की उम्र 70 के आसपास है और उनमें से कई शहर से दूर चले गए हैं। कई आरोपी अब अहम पदों पर हैं और पुलिस उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के नतीजे पर भी विचार कर रही है।

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