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Who is Shahjahan Sheikh: तृणमूल कांग्रेस से जुड़े शाहजहां के पास हैं 17 कारें और 43 बीघा जमीन, ऐसे आए कानून के शिकंजे में

Who is Shahjahan Sheikh: संदेशखाली के बेताज बादशाह शाहजहां शेख आखिरकार पुलिस के शिकंजे में आ गए। कभी वह लेफ्ट पार्टी से जुडे़ थे और फिर पश्चिम बंगाल में सरकार बदली तो तृणमूल कांग्रेस से जुड़े गए। सत्ता की सांठ-गांठ से शाहजहां ने बांग्लादेश से सटे इलाके में अपनी धाक जमाई। जानिए शाहजहां कैसे इस मुकाम पर पहुंचा और कानून के शिकंजे में कैसे फंसे

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Feb 29, 2024 पर 10:39 AM
Who is Shahjahan Sheikh: तृणमूल कांग्रेस से जुड़े शाहजहां के पास हैं 17 कारें और 43 बीघा जमीन, ऐसे आए कानून के शिकंजे में
शाहजहां शेख के पास कितनी दौलत है, इसके बारे में पक्के तौर पर कुछ कह नहीं सकते लेकिन पंचायत चुनाव में उसने बिजनेस से अपनी सालाना कमाई 20 लाख रुपये बताई थी। इसके अलावा 17 कार, 43 बीघा जमीन, 2 करोड़ रुपये के गहने और 2 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस दिखाया था।

Who is Shahjahan Sheikh: पश्चिम बंगाल का संदेशखाली इस समय सुर्खियों में है। शाहजहां शेख समेत तीन स्थानीय नेताओं के खिलाफ स्थानीय महिलाओं ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। इसके अलावा केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी की टीम पर उसके समर्थकों ने हमला कर दिया था जिसके बाद शाहजहां शेख के सहयोगी शिबू हाजरा और उत्तम सरदार गिरफ्तार हुए थे। हालांकि शाहजहां का पता नहीं लग सका और अब आज 29 फरवरी को यानी ईडी पर हमले के 55 दिन बाद शाहजहां को पश्चिम बंगाल की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को निर्देश दिया था कि महिलाओं पर यौन अत्याचार और संदेशखाली में जमीन हड़पने के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को ED, CBI या पश्चिम बंगाल पुलिस में से कोई भी गिरफ्तार कर सकती है। शाहजहां, शिबू और उत्तम का ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस से संबंध है।

Shahjahan Sheikh के बारे में

शाहजहां शेख बांग्लादेश से सटे इलाके संदेशखाली में स्थानीय लोग बेताज बादशाह कहते हैं। यह नॉर्थ 24 परगना इलाके में है। अभी वह तृणमूल कांग्रेस से जुड़ा हुआ है लेकिन इससे पहले वह लेफ्ट पार्टी से जुड़ा हुआ था, जब बंगाल में लेफ्ट की सरकार थी। शाहजहां ने अपने मामा और स्थानीय माकपा नेता मुस्लिम शेख (Moslem Sheikh) की मदद से 2004 में CPI (M) की सदस्यता ले ली। सत्ता का संरक्षण मिलते ही वह बेलगाम हो गया। उसका काम मछली पालन का था और इसके लिए वह यहां के लोगों के खेतों और जमीनों पर कब्जा करना शुरू कर दिया।

2011 में बंगाल में 34 साल बाद सत्ता परिवर्तन हुआ और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने राज्य में सरकार बनाई। इस पर शाहजहां ने भी पाला बदला और 2012 में वह टीएमसी से जुड़ गया। शाहजहां के करीबी शिबू हाजरा और उत्तम सरदार उसके नाम पर उगाही करने लगे। शाहजहां के पास कितनी दौलत है, इसके बारे में पक्के तौर पर कुछ कह नहीं सकते लेकिन पंचायत चुनाव में उसने बिजनेस से अपनी सालाना कमाई 20 लाख रुपये बताई थी। इसके अलावा 17 कार, 43 बीघा जमीन, 2 करोड़ रुपये के गहने और 2 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस दिखाया था।

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