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MSMEs के बकाया पेमेंट की मियाद फिलहाल बदलने की संभावना नहीं- सूत्र

आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि वित्तमंत्री से MSMEs के कई संगठन नियम टालने की मांग कर रहे हैं। संगठनों का कहना है कि 45 दिनों में पेमेंट के नियम से कंपनियां आर्डर नहीं दे रही हैं। इसे लेकर देश के कई जगहों पर संगठन धरना भी कर रहे हैं। MSME की मांग है कि सरकार पेमेंट की मियाद बढ़कर 90 दिन की जाये

Alok Priyadarshiअपडेटेड Feb 28, 2024 पर 3:26 PM
MSMEs के बकाया पेमेंट की मियाद फिलहाल बदलने की संभावना नहीं- सूत्र
सरकार के मुताबिक MSMEs की मांग पर ही ये कानून बनाया गया था। 45 दिनों में पेमेंट करने का नियम MSMEs Act 2006 के तहत मौजूद है

सूक्ष्म, लघु और मध्य उद्यम (Micro, Small and Medium Enterprises (MSMEs) के बकाया पेमेंट को लेकर कंपनियों को इनकम टैक्स के नए कानून से जल्द राहत की उम्मीद नहीं मिलती हुई दिख रही है। सूत्रों के मुताबिक सरकार अभी 45 दिन में पेमेंट के नियम को बढ़ाने या बदलने की जल्दबाज़ी में नहीं नजर आ रही है। दरअसल सरकार का मानना है कि इस मुद्दे पर बेवजह भ्रम फैलाया जा रहा है। चुनाव नजदीक आने के चलते 45 दिनों के पेमेंट को बदलने की मांग की जा रही है। लेकिन अब इस मुद्दे पर सरकार भी कुछ नहीं कर सकती है क्योंकि अब कोई सेशन नहीं चल रहा है। कोई नया अध्यादेश भी नहीं लाया जा सकता है।

इस खबर पर ज्यादा डिटेल बताते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि MSMEs को अभी राहत नहीं मिलती दिख रही है। उन्होंने कहा कि 45 दिनों में पेमेंट करने का नियम अभी नहीं बदलेगा। इनकम टैक्स से राहत के लिए अभी कंपनियों को इंतजार करना होगा। 31 मार्च तक MSMEs का बकाया पेमेंट नहीं किया तो टैक्स लगेगा।

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इसके अलावा FY24 में एक्चुअल पेमेंट पर कंपनियों को टैक्स डिडक्शन मिलेगा। सरकार के मुताबिक MSMEs की मांग पर ही ये कानून बनाया गया था। 45 दिनों में पेमेंट करने का नियम MSMEs Act 2006 के तहत मौजूद है। बजट 2023 में इनकम टैक्स एक्ट में नया क्लॉज 43b (h) जोड़ा गया था।

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