Get App

192 साल पुरानी कंपनी के लिस्टिंग ने बनाया अरबपति, RBI और Chess से सीखे सबक ने पहुंचाया ऊंचाईयों पर

Success Story: सितंबर में एक ऐसी कंपनी लिस्ट हुई थी जिसकी नींव करीब 192 साल पहले पड़ी थी। एक छोटी सी दुकान से शुरू हुए सफर से जब नेशनल लेवल की चेस खेल चुके और RBI में इंटर्न रह चुके सौरभ जुड़े तो कंपनी और तेजी से ऊपर चढ़ती गई। अब इसकी लिस्टिंग ने सिर्फ निवेशकों की ही नहीं बल्कि सौरभ की भी झोली भर दी और वह बिलेनियर्स की लिस्ट में शामिल हो गए

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Nov 09, 2024 पर 1:02 PM
192 साल पुरानी कंपनी के लिस्टिंग ने बनाया अरबपति,  RBI और Chess से सीखे सबक ने पहुंचाया ऊंचाईयों पर
सौरभ ने जब कंपनी की कमान संभाली थी तो पीएनजी पहले ही जाना-माना नाम बन चुकी थी लेकिन उन्होंने इसे और बुलंदियों तक पहुंचाया।

192 साल पुरानी कंपनी पीएनजी ज्वैलर्स (PNG Jewellers) के लिस्ट होने के बाद सौरभ गाडगिल अरबपति बन गए। सौरभ इस कंपनी के एमडी हैं। हालांकि उनका परिचय सिर्फ इतना ही नहीं है बल्कि उन्होने कंपनी में आने से पहले नेशनल लेवल की चेस खेली है और वह केंद्रीय बैंक RBI में इंटर्नशिप भी कर चुके हैं। कंपनी में जुड़ने से पहले के उनके अनुभव ने पीएनजी ज्वैलर्स को ऊंचाईयों पर ले जाने में बहुत मदद की। इसके शेयरों की घरेलू मार्केट में 17 सितंबर को एंट्री हुई थी। आईपीओ निवेशकों को 480 रुपये के भाव पर जारी हुआ यह शेयर फिलहाल 720.65 रुपये (8 नवंबर को बीएसई पर क्लोजिंग प्राइस) पर है। 17 सितंबर को यानी लिस्टिंग के दिन यह 843.80 रुपये की रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा था। शेयरों की इस तेजी से सौरभ गाडगिल की दौलत ब्लूमबर्ग के मुताबिक 100 करोड़ डॉलर (8300 करोड़ रुपये) पर पहुंच गई।

छोटी सी दुकान से हुई थी PNG Jewellers की शुरुआत

पीएनजी ज्वैलर्स की शुरुआत महाराष्ट्र के सांगली में 1832 में गोल्ड ज्वैलरी बेचने वाली एक छोटी से दुकान से हुई थी। करीब छह पीढियों में इसने क्षेत्रीय ब्रांड से देश के दिग्गज ज्वैलरी ब्रांड का सफर तय किया। इस ब्रांड की जड़े विरासत में है लेकिन पिछले कुछ दशकों में इसके उभार का क्रेडिट 47 वर्षीय सौरभ गाडगिल को दिया जाता है। सौरभ गाडगिल ने 1998 में कंपनी की कमान संभाली थी। कंपनी में आने से पहले वह नेशनल लेवल के चेस प्लेयर रह चुके थे और आरबीआई में इंटर्न के तौर पर काम भी किया था। पुराने अनुभवों ने उनके लिए आगे का रास्ता आसान किया जैसे कि चेस में कैलकुलेटेड थिंकिंग होती यानी कि सामने वाले की चाल को भांपकर अपनी चलनी होती है, वैसा ही कुछ सौरभ ने बिजनेस में भी किया। वहीं आरबीआई में अपनी इंटर्नशिप के दौरान उन्होंने गोल्ड मार्केट और वैश्विक कारोबार को गहराई से समझा जिसने उनकी कारोबारी रणनीति को और मजबूत बनाया।

शानदार मार्केटिंग स्ट्रैटेजी ने किया कमाल

सब समाचार

+ और भी पढ़ें