Apple Fraud: आईफोन (iPhone) बनाने वाली दिग्गज कंपनी एपल (Apple) में फर्जीवाड़ा का एक बड़ा मामला सामने आया है। भारतीय मूल के एंप्लॉयी ने 1.7 करोड़ डॉलर (करीब 138 करोड़ रुपये) का फर्जीवाड़ा किया जिसके आरोप में उसे तीन साल की जेल हुई है और इस पर 1.9 करोड़ डॉलर (155 करोड़ रुपये) का जुर्माना भी लगाया है। भारतीय मूल के एंप्लॉयी 55 वर्षीय धीरेंद्र प्रसाद को नवंबर 2022 में एपल को धोखा देने की योजना बनाने और इससे जुड़े टैक्स अपराधों के मामले में अमेरिकी न्याय विभाग ने दोषी पाया है। उसे टैक्स छिपाने के मामले में 155 करोड़ रुपये चुकाने का भी आदेश दिया गया है। इसके अलावा 44 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त करने और अतिरिक्त 65 करोड़ रुपये नकद देने का आदेश दिया गया है।
क्या धोखाधड़ी हुई Apple के साथ
धीरेंद्र 2008-2018 के बीच एपल के ग्लोबल सर्विसेज सप्लाई चेन में खरीदार के रूप में थे। उन्होंने एपल से ऐसे प्रोडक्ट्स के लिए पेमेंट लिया जो कंपनी को कभी मिले ही नहीं। इसके अलावा उन्होंने पार्ट्स चुराए और इनवॉइस को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया। उन पर पिछले साल मार्च 2022 में आरोप लगाया गया और धीरेंद्र ने सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया है। धीरेंद्र ने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी एक्टिविटीज और टैक्स चोरी के लिए दो वेंडर कंपनियों के साथ मिलकर काम किया।
काम क्या था धीरेंद्र प्रसाद का
धीरेंद्र प्रसाद ने 10 साल तक एपल में काम किया। उसका काम कंपनी के पुराने डिवाइसेज को ठीक करने के लिए पार्ट्स खरीदना था। ये वे डिवाइस होते थे जो अभी भी वारंटी के अधीन थे। इसके लिए उन्होंने दो कंपनियों के साथ काम किया। ये दो कंपनियां भी एपल को पार्ट्स बेचती थी और इ सभी ने मिलकर एपल को 1.7 करोड़ डॉलर से अधिक चूना लगाय। टैक्स का मामला ये है कि धीरेंद्र ने इससे जो पैसा कमाया, उस पर टैक्स भी नहीं चुकाया।
अमेरिकी अटार्नी ऑफिस ने जो प्रेस रिलीज जारी किया है, उसके मुताबिक एपल में प्रसाद मजबूत पोजिशन में थे और उनके पास कंपनी की मदद के लिए फैसले लेने की शक्ति थी। हालांकि इसके विपरीत प्रसाद ने अपनी इस शक्ति का इस्तेमाल एपल से पैसे खींचने और खुद को अमीर बनाने में किया। चूंकि एपल में वह मजबूत पोजिशन में था तो उसे यह पता था कि जिस प्रकार की धोखाधड़ी वह कर रहा है, उसे कंपनी कैसे पकड़ने की कोशिश करेगी, तो उसने खुद को बचाने की पूरी तैयारी की।