फिनटेक स्टार्टअप भारतपे के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर और रियल्टी बिजनेस शो 'शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India)' के पहले सीजन में जज रहे अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) ने पिछले साल आए जोमैटो (Zomatao) के इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) से महज 8 मिनटों में सवा 2 करोड़ रुपये बनाए थे। अशनीर ने हाल ही में आई अपनी किताब 'दोगलापन' में खुद इस बात का जिक्र किया है। अशनीर ने बताया कि उन्होंने जोमैटो के IPO के लिए 100 करोड़ रुपये का आवेदन दिया था और लोग यह सोचकर हैरान थे कि मैं इतनी भारी रकम कैसे जुटाया है।
ग्रोवर ने किताब में कहा, "हालांकि मैंने इसमें अधिकतर पैसा IPO फाइनेंसिंग के जरिए जुटाया था। मैंने 5 करोड़ रुपये अपनी जेब से निवेश किया था। वहीं बाकी 95 करोड़ रुपये मैंने कोटक वेल्थ से 10 फीसदी सालाना की दर पर एक हफ्ते के लिए फाइनेंस पर लिया था। (जब IPO आवेदन के दौरान एक हफ्ते के लिए फंड ब्लॉक हो जाता है।) मुझे इसके लिए 20 लाख रुपये ब्याज के तौर पर चुकाने पड़े और यह शेयरों को हासिल करने की एक अतिरिक्त लागत थी।"
Zomato का आईपीओ सुपरहिट रहा था। इसे निवेशकों से करीब 30 गुना अधिक बोली थी। अशनीर ने बताया कि उन्हें IPO में करीब 3 करोड़ रुपये की कीमत के शेयर मिले थे। जोमैटो के शेयर जब 23 जुलाई 2021 को अपने 76 रुपये प्रति शेयर के IPO प्राइस के मुकाबले करीब 51% बढ़कर 115 रुपये के भाव पर लिस्ट हुए, तो उसी दिन अशनीर ने अपने वेल्थ मैनेजर को सभी शेयरों को बेचने के लिए कह दिया।
अशनीर ने किताब में लिखा, "लिस्टिंग के करीब 8 मिनट बाद शेयर बिका और तबतक इसका भाव बढ़कर 136 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया था। इस तरह ब्याज को लेकर मुझे Zomato का एक शेयर करीब 82 से 85 रुपये के बीच पड़ा और मैंने इसे 136 रुपये पर बेचा। अंत में मैंने इस डील से 2.25 करोड़ रुपये कमाए।"
IIT-दिल्ली और IIM-अहमदाबाद से पढ़ाई करने वाले अशनीर ग्रोवर ने बताया कि उन्होंने कई बातों को ध्यान में रखकर Zomato पर इतना बड़ा दांव लगाया था।
उन्होंने लिखा, "जाहिर है मैं दीपिंदर (जोमैटो के फाउंडर और सीईओ) को पहले से जानता हूं और मुझे उसकी क्षमता पर पूरा भरोसा है। साथ हीं फंडामेटल तौर पर महामारी के चलते जोमैटो के ऑर्डर की संख्या और टिकट साइज दोनों में बढ़ोतरी देखने को मिली थी। इसके चलते जोमैटो का मार्जिन बढ़ रहा था।" उन्होंने कहा, "इसके अलावा लॉकडाउन के समय रेस्टोरेंट अपनी बिक्री के लिए पूरी तरह से ऐप से मिलने वाले ऑर्डर पर निर्भर हो गए थे।"