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Rising Bharat Summit 2024: रामलला की मूर्ति के लिए काले पत्थर को क्यों चुना गया? यहां पढ़ें जवाब

Rising Bharat Summit 2024: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर के मुख्य शिखर और एक अन्य शिखर के निर्माण का काम तेजी से जारी है। इस साल दिसंबर तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा ने बताया कि राम मंदिर के दोनों शिखर 300 दिन में तैयार हो जाएंगे

Akhileshअपडेटेड Mar 19, 2024 पर 7:11 PM
Rising Bharat Summit 2024: रामलला की मूर्ति के लिए काले पत्थर को क्यों चुना गया? यहां पढ़ें जवाब
Ayodhya’s Ram Mandir: राम मंदिर को इस साल 22 जनवरी को राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया

CNN-News18’s Rising Bharat Summit 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के चुनावी वादों में से एक और लंबे समय से चली आ रही मांग अयोध्या का राम मंदिर (Ayodhya’s Ram Mandir) आखिरकार इस साल 22 जनवरी को राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि रामलला की मूर्ति का रंग काला क्यों है? मंगलवार (19 मार्च) को CNN-News18 के राइजिंग भारत समिट के दौरान राम मंदिर के वास्तुकार आशीष सोमपुरा और इतिहासकार एवं राम लला की मूर्ति के आभूषण डिजाइनर यतिंदर मिश्रा ने अयोध्या मंदिर और यह कैसे अस्तित्व में आया इस पर डिटेल्स पर चर्चा की।

रामलला की मूर्ति काला क्यों है?

यह पूछे जाने पर कि रामलला की मूर्ति के लिए काले पत्थर का उपयोग क्यों किया गया? इस पर यतिंदर मिश्रा ने कहा, "तीन मूर्तियां बनाई गई थीं, जिनमें से एक सफेद पत्थर की थी। लेकिन इनमें से काली मूर्ति का चयन किया गया था। फैसला राम मंदिर ट्रस्ट पर निर्भर था। लेकिन मेरा मानना है कि मंदिर के लिए मूर्ति का चयन स्वयं भगवान राम ने किया था। मुझे नहीं लगता कि कोई राजनीतिक मजबूरी थी।"

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर परिसर का निर्माण कार्य इस साल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि 22 जनवरी को राम लला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद से लगभग 75 लाख भक्त मंदिर में दर्शन कर चुके हैं।

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