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Diabetes: इस आटे से शुगर होगा फौरन कंट्रोल, जानिए कैसे करें सेवन

Blood Sugar: कई अनाज को मिक्स कर देने के बाद जो आटा बनता है। उसे मल्टीग्रेन आटा कहते हैं। मल्टीग्रेन आटा में पौष्टिक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है। इसमें फाइबर की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। जो कि डायबिटीज के मरीजों के लिए रामबाण है। इससे मोटापा भी कम होता है। यह हर मामले में गेहूं के आटे के मुकाबले बेहतर माना जाता है

Jitendra Singhअपडेटेड May 15, 2023 पर 9:24 AM
Diabetes: इस आटे से शुगर होगा फौरन कंट्रोल, जानिए कैसे करें सेवन
मल्टीग्रेन आटे कई अनाज को मिक्स करके बनाया जाता है। इसमें ज्वार, बाजरा, साबुत अनाज, रागी, सोया, ओट्स, मक्का, छोले, बादाम आदि मिलाकर बना सकते हैं

Blood Sugar: आज कल की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने खानपान पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। खराब लाइफ स्टाइल के चलते कई तरह की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। इससे डायबिटीज जैसी बीमारियां शरीर में अपना घर बना लेती है। इस बीमारी को जड़ से खत्म करना मुश्किल है। लेकिन आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं। अगर इसे कंट्रोल नहीं करते हैं तो बीमारी का असर बॉडी के अंगों पर दिखने लगता है। डायबिटीज बढ़ने पर किडनी, दिल्ली और आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में आप इसे मल्टीग्रेन आटा के जरिए डायबिटीज के आसानी से कंट्रोल में रख सकते हैं।

जब शरीर में पैंक्रियाज कम काम करने लगे यानी इसमें से इंसुलिन कम बनने लगे तो शरीर में शुगर का संश्लेषण कम होने लगता है। इसका नतीजा यह होता है कि शुगर खून में जमा होने लगता है, जिससे डायबिटीज की बीमारी होती है।

कैसे बनता है मल्टीग्रेन आटा?

मल्टीग्रेन आटा जैसा कि नाम से ही पता चलता है यह कई अनाजों से बना आटा है। एक अनाज के साथ दूसरे अनाज को मिक्स करके तैयार आटे को मल्टीग्रेन आटा या कॉन्बीनेशन फ्लोर कहा जाता है। इसमें ज्वार, बाजरा, साबुत अनाज, रागी, सोया, ओट्स, मक्का, छोले, बादाम मिलाए जाते हैं। इस आटे में भारी मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैँ। इस आटे में फाइबरप भरपूर मात्रा में पाया जाता है। गेहूं का आटा स्वाद में अच्छा होता है। इसलिए लोग इसका सेवन ज्यादा करते हैं। लेकिन इसमें पोषक तत्व कम पाए जाते हैं। मल्टीग्रेन आटे में गेहूं के मुकाबले काफी पोषक तत्व पाए जाते हैं।

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