दिल्ली की सड़कों, मेट्रो स्टेशनों और दिशा-निर्देशक बोर्डों पर अब जानकारी हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी और उर्दू में दी जाएगी। यह बदलाव 'दिल्ली आधिकारिक भाषा अधिनियम, 2000' के तहत हो रहा है, जिसका उद्देश्य शहर की भाषाई विविधता और आधिकारिक भाषाओं को बढ़ावा देना है। सरकारी अधिकारियों को भी अपने कार्यालयों के बाहर नेम प्लेट्स इन चार भाषाओं में लगानी होंगी। अब तक दिल्ली के अधिकतर साइनबोर्ड्स केवल हिंदी और अंग्रेजी में ही होते थे। लेकिन जल्द ही पंजाबी और उर्दू को भी शामिल किया जाएगा। यह फैसला दिल्ली की सांस्कृतिक विविधता और स्थानीय भाषाओं का सम्मान करने के लिए लिया गया है। सभी साइनबोर्ड्स पर चारों भाषाओं को एक समान फॉन्ट और आकार में लिखा जाएगा।