आमतौर पर ऑफिस के सिस्टम में लॉग-इन करने के लिए टू-फैक्टर अथेंटिकेशन प्रोसेस होता है। इस प्रकार के सिक्योरिटी सिस्टम में ओटीपी के जरिए एंप्लॉयीज सिस्टम में लॉन इन करते हैं लेकिन गूगल (Google) के एंप्लॉयीज ओटीपी का इस्तेमाल नहीं करते बल्कि इसके लिए वे फिजिकल सिक्योरिटी कीज का इस्तेमाल करते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि ओटीपी हैक होने का रिस्क नहीं रहता है। यह खुलासा गूगल में काम करने वाले एक एंप्लॉयी अश्विन बंसल ने किया है। उन्होंने इससे जुड़ी डिटेल्स को अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर साझा किया है।