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Indian Railways: ट्रेन में नजर आते हैं लाल – नीले और हरे कोच, जानिए क्या है इसका मतलब

Indian Railways: रेल सफर के दौरान आपने कई तरह की ट्रेनें देखी होंगी। इसमें लाल, नीली और हरी ट्रेनें शामिल हैं। ट्रेनों में अलग-अलग रंग के डिब्‍बों का प्रयोग खास मकसद से किया जाता है। किसी ट्रेन में लगे डिब्‍बों का रंग से काफी हद तक उस ट्रेन की श्रेणी और स्‍पीड का पता चल जाता है

Jitendra Singhअपडेटेड Mar 16, 2025 पर 4:42 PM
Indian Railways: ट्रेन में नजर आते हैं लाल – नीले और हरे कोच, जानिए क्या है इसका मतलब
Indian Railways: सुपरफास्ट से लेकर पैसेंजर ट्रेन तक सभी में अलग रंग के डिब्बे होते हैं। डिब्बों के रंग उनकी स्पीड और ब्रेक के आधार पर होता है।

भारतीय रेलवे को देश की लाइफलाइन कहा जाता है। भारत में ट्रेन लोगों के आवागमन का प्रमुख साधन है। ट्रेन में सफर के दौरान अपने कोच यानी डिब्बों को अलग-अलग रंग में देखा होगा। सुपरफास्ट ट्रेन से लेकर पैसेंजर ट्रेन तक सभी के रंग अलग-अलग होते हैं। ट्रेन में आपने कभी नीले, लाल और हरे रंग के कोच यानी डिब्बे देखे होंगे। इन डिब्बों का रंग अलग होने के पीछे एक वजह है। ट्रेन में सफर करने वाले बहुत से लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं होती है। लिहाजा यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि आखिर इन लाल रंग, नीले रंग और हरें रंग के कोच का क्या मतलब होता है, इन्हें क्यों और किस ट्रेन में लगाया जाता है?

बता दें कि कोच कई तरह के होते हैं। ट्रेन के नीले रंग के कोच को ICF यानी इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (Integral Coach Factory) कहते हैं। जबकि लाल रंग के कोच को LHB यानी लिंक हॉफमैन बुश (Linke-Hofmann-Busch) कहते हैं। इन दोनों कोच में सिर्फ रंग का फर्क नहीं होता है. ये दोनों तरह के कोच एक दूसरे से काफी अलग हैं।

लाल रंग के कोच का मतलब

लाल रंग के कोच को लिंक हॉफमैन (Link Hoffmann) भी कहा जाता है। यह खास तरह के कोच होते हैं। इन्हें जर्मनी में बनाया गया है। भारतीय रेलवे ने ऐसे कोच साल 2000 में भारत में आयात क‍िए गए थे। मौजूदा समय में ऐसे कोच पंजाब के कपूरथला में बनाए जाते हैं। यह कोच भी आपने ट्रेनों में खूब देखे होंगे। लाल कोच एल्‍युम‍िनियम के बने होते हैं। वहीं दूसरे कोच के मुकाबले इनका वजन कम होता है। इनमें डिस्‍क ब्रेक लगी होती है। ये वजन में हल्‍के होने के कारण 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से भाग सकते हैं। लाल रंग के कोच आपने राजधानी और शताब्‍दी जैसी ट्रेन में देखे होंगे। इससे इन ट्रेनों को अच्छी स्पीड मिल पाती है।

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