Get App

Kanwar Yatra 2024: मुजफ्फरनगर ही नहीं, अब पूरे यूपी में कांवड़ रूट पर स्थित दुकानों पर लगानी होगी 'नेमप्लेट'

Kanwar Yatra 2024: यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से एक आदेश जारी कर कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कांवड़ यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाया है। पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगानी होगी। कांवड़ यात्रियों की आस्था की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है

Akhileshअपडेटेड Jul 19, 2024 पर 2:31 PM
Kanwar Yatra 2024: मुजफ्फरनगर ही नहीं, अब पूरे यूपी में कांवड़ रूट पर स्थित दुकानों पर लगानी होगी 'नेमप्लेट'
Kawad Yatra 2024: हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी

 Kanwar Yatra 2024: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार (19 जुलाई) को बड़ा आदेश दिया। केवल मुजफ्फरनगर ही नहीं, बल्कि अब पूरे प्रदेश के कांवड़ रूट्स पर स्थित खाने पीने की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगानी होगी। दुकानों पर संचालक या मालिक का नाम और पहचान लिखना होगा। कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। यह निर्णय विपक्षी दलों के विरोध के बाद मुजफ्फरनगर में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अपने आदेशों को रद्द करने के एक दिन बाद आया है, जिसमें होटलों के लिए मालिकों के नाम लिखना "स्वैच्छिक" कर दिया गया था।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, यूपी के मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से एक आदेश जारी कर कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कांवड़ यात्रियों के लिए बड़ा कदम उठाया है। पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगानी होगी। कांवड़ यात्रियों की आस्था की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी।

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गुरुवार को मुजफ्फरनगर पुलिस के उस निर्देश का बचाव किया जिसमें कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली सभी दुकानों पर मालिक और काम करने वाले लोगों का नाम लिखने को कहा गया है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने X पर एक पोस्ट में कहा, "भारत की 'धर्मनिरपेक्षता' इतनी कमजोर नहीं हो सकती है कि सभी भोजनालयों को मालिक व श्रमिकों के नाम और संपर्क नंबर प्रदर्शित करने के लिए जारी एक समान आदेश इसे नुकसान पहुंचाए।"

उन्होंने कहा कि लगभग दो दशक पहले मुंबई के व्यापारिक जिले में सभी भोजनालयों में भोजनालय के नाम, मालिक, संपर्क नंबर, बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) की ओर से आखिरी बार की गई निरीक्षण की तिथि और स्वच्छता की गुणवत्ता प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया था। मालवीय ने कहा कि अगर यह भेदभावपूर्ण नहीं है तो मुजफ्फरनगर के आदेश को अलग नजरिए से क्यों देखा जाना चाहिए, क्योंकि यह उत्तर प्रदेश है।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें