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Kisan March: संसद का घेराव करने की तैयारी में किसान, नोएडा बॉर्डर पर लगी बैरिकेडिंग, ट्रैफिक पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

Farmers Protest: नोएडा के किसान अपनी मांगों को लेकर आज (2 दिसंबर) दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं। नोएडा के महामाया फ्लाईओवर से दिल्‍ली के लिए अपना मार्च शुरू करेंगे। इसके चलते नोएडा के दिल्‍ली से लगने वाले बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस मामले में ट्रैफिक पुलिस न एडवाइजरी भी जारी कर दी है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 02, 2024 पर 9:02 AM
Kisan March: संसद का घेराव करने की तैयारी में किसान, नोएडा बॉर्डर पर लगी बैरिकेडिंग, ट्रैफिक पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
Farmers Protest: 10 किसान संगठनों ने दिल्ली में संसद घेराव करने का फैसला किया है।

किसान अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर बड़े आंदोलन की राह पर हैं। इसमें भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) ने किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) जैसे कई अन्य किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि नए कृषि कानून के तहत मुआवजा और लाभ से बाहर रखा गया है। ऐसे में किसानों ने संसद का घेराव करने का फैसला किया है। बीकेपी नेता सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में किसानों का संगठन आज (2 दिसंबर) दोपहर 12 बजे नोएडा के महा माया फ्लाईओवर के नीचे से अपना मार्च शुरू करेंगे।

इस बीच किसानों के आंदोलन को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर दी है। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि किसानों की आंदोलन की वजह से गौतमबुद्धनगर से दिल्ली सीमा लगने वाले सभी बॉर्डरों पर बैरियर लगाकर दिल्ली पुलिस और गौतमबुद्धनगर पुलिस की ओर से सघन चैकिंग की जाएगी। जिससे गौतमबुद्धनगर से दिल्ली बॉर्डर लगने वाले मार्ग पर जाम लगने पर डायवर्जन किया जाएगा।

जानिए किसानों की मांगें

किसानों का कहना है कि गोरखपुर में बन रहे हाईवे के लिए 4 गुना मुआवजा दिया गया। जबकि गौतमबुद्ध नगर को चार गुना मुआवजे के लाभ से अलग रखा गया है। पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित किसानों को 10 फीसदी प्लॉट और 64.7 फीसदी बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए। वहीं 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि पर बाजार दर का चार गुना मुआवजा और 20 फीसदी फ्लॉट दिया जाएं। भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास का फायदा दिया जाए। हाई पावर कमेटी के जरिए पास किए गए मुद्दों पर सरकारी आदेश जारी किया जाए। आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण किया जाना चाहिए। इन मांगों को लेकर किसान संगठनों और पुलिस, जिलाधिकारी, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक में अधिकारियों ने किसानों की मांगों को मानने से इनकार कर दिया, जिसके बाद किसानों का गुस्सा और बढ़ गया। किसानों का कहना है कि यह आंदोलन और तेज हो सकता  है।

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