भगवान श्री राम की तपस्थली चित्रकूट अपने धार्मिक आध्यत्मिक महत्व के लिए दुनिया भर में मशहूर है। यहां भाद्रपद की सोमवती अमावस्या पर लाखों भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। हर अमावस्या को यहां मेला लगता है। लोग चित्रकूट की परिक्रमा करते हैं। इसमें लाखों की तादाद में भक्त आते हैं। इस बीच सोमवती अमावस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने परिक्रमा पथ पर प्रसाद नारियल विक्रेताओं को कच्चा नारियल बेचने से रोक लगा दिया। जिससे पूरे परिक्रमा पथ पर लोगों को कच्चा नारियल नहीं मिला। बहुत से श्रद्धालु बिना नारियल फोड़े ही परिक्रमा करते हुए आगे बढ़ गए। वहीं यहां पर सूखा नारियल भी मिलता है। जिसे पूजा में इस्तेमाल किया जाता है।