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डिजिटल जमाने की ईस्ट इंडिया कंपनी है Google, इस पॉलिसी पर भड़के शार्क टैंक के जज अनुपम मित्तल

गूगल की नई पेमेंट पॉलिसी को लेकर शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) के जज और शादीडॉटकॉम (shaadi.com) के फाउंडर अनुपम मित्तल (Anupam Mittal) भड़क गए हैं। उन्होंने गूगल को डिजिटल जमाने का ईस्ट इंडिया कंपनी कह दिया है। उनका कहना है कि गूगल की नई पॉलिसी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CC) के निर्देशों का उल्लंघन है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि मीडिया, अदालतें और प्रधानमंत्री कार्यालय इसका संज्ञान लेंगे

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Apr 24, 2023 पर 9:48 AM
डिजिटल जमाने की ईस्ट इंडिया कंपनी है Google, इस पॉलिसी पर भड़के शार्क टैंक के जज अनुपम मित्तल
शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) के जज और शादीडॉटकॉम (shaadi.com) के फाउंडर अनुपम मित्तल (Anupam Mittal) का कहना है कि गूगल ने अपने पेमेंट्स को भारतीय डेवलपर्स के लिए अनिवार्य कर दिया है जो सीसीआई और भारतीय कानूनों का उल्लंघन है।

शार्क टैंक इंडिया (Shark Tank India) के जज और शादीडॉटकॉम (shaadi.com) के फाउंडर अनुपम मित्तल (Anupam Mittal) ने गूगल को डिजिटल ईस्ट इंडिया कंपनी कहा है। अनुपम मित्तल ने गूगल के नए पेमेंट नियमों को लेकर ट्विटर पर जमकर भड़ास निकाली और कहा कि गूगल की नई पॉलिसी भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के निर्देशों का उल्लंघन है। गूगल ने भारतीय ऐप डेवलपर्स को भारत के बाहर इसके गूगल प्ले बिलिंग सिस्टम (GPBS) का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करने को कहा है और ऐसा नहीं करने पर गूगल ने चेतावनी दी है कि 14 दिनों के भीतर ऐप को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया जाएगा।

इसी को लेकर अनुपम मित्तल ने ट्वीट किया कि गूगल ने अपने पेमेंट्स को भारतीय डेवलपर्स के लिए अनिवार्य कर दिया है जो सीसीआई और भारतीय कानूनों का उल्लंघन है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि मीडिया, अदालतें और प्रधानमंत्री कार्यालय इसका संज्ञान लेंगे। अनुपम मित्तल ने तो गूगल को डिजिटल ईस्ट इंडिया कंपनी कह दिया है।

देश के बाहर और अंदर बिलिंग सिस्टम का क्या है मामला

सीसीआई के निर्देशों के चलते गूगल को भारत में अपने बिलिंग सिस्टम GPBS को यूजर च्वाइस बिलिंग सिस्टम (UCBS) से बदलना पड़ा। जीपीबीएस के तहत ऐप की सभी खरीदारी का पेमेंट गूगल के पेमेंट गेटवे के तहत करना होता है और इसके लिए कंपनी हर खरीदारी पर 30 फीसदी तक कमीशन लेती है। वहीं यूसीबीएस, जो 26 अप्रैल से प्रभावी हो सकता है, के तहत सभी प्रकार के पेमेंट विकल्प जैसे कि कार्ड, नेट बैंकिंग, यूपीआई या वॉलेट्स सभी उपलब्ध रहेंगे और कमीशन भी 30 फीसदी की बजाय 26 फीसदी तक देना होगा।

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