Credit Cards

KBC में 5 करोड़ जीतने वाले सुशील कुमार क्या सच में हो गए थे कंगाल? कभी लग गई थी नशे की लत, आज हैं टीचर

साल 2023 के दिसंबर महीने में सुशील कुमार का चयन मनोविज्ञान विषय के सरकारी शिक्षक के तौर पर हुआ था। करोड़पति बनने के बाद समाज के लिए कुछ करने की मंशा से उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के दिशा में काफी काम किए। इसमें उनके द्वारा चलाया गया ‘गौरैया संरक्षण अभियान’ और ‘चंपा से चंपारण’ अभियान पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना

अपडेटेड Aug 10, 2024 पर 4:17 PM
Story continues below Advertisement
केबीसी के बाद सुशील कुमार दानवीर बन गए थे और उन्हें गुप्त दान का चस्का लग गया था।

कौन बनेगा करोड़पति (KBC) के विजेता बिहार के सुशील कुमार तो आप सब को याद होंगे ही। वही सुशील कुमार, जिन्होंने साल 2011 में KBC में 5 करोड़ रुपये जीते थे और हर घर में चर्चित हो गए थे। वह इस शो में 5 करोड़ जीतने वाले पहले विजेता थे। बीच में ऐसी खबर आई थी कि 5 करोड़ जीतने से हासिल हुआ भाग्य सुशील कुमार को जल्द ही दुर्भाग्य के रास्ते पर ले गया और फिर वह कंगाल हो गए। यही नहीं यह भी खबर थी कि उन्हें दूध बेचकर गुजारा करना पड़ा। लेकिन इसकी सच्चाई क्या है। क्या वाकई वह कंगाल हो गए थे या फिर यह कोई अफवाह थी। आज वही सुशील कुमार (KBC Winner Sushil Kumar) क्या कर रहे हैं?

5 करोड़ जीतने पर जब अमिताभ बच्चन ने उनसे पूछा था कि उनका सपना क्या है तो सुशील कुमार ने कहा था कि वह IAS बनना चाहते हैं। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि वह पढ़ाई से दूर हो गए। बिहार के पूर्वी चंपारण से आने वाले सुशील कुमार ने कुछ साल पहले एक फेसबुक पोस्ट में केबीसी जीतने के बाद के अपने अनुभव के बारे में जानकारी शेयर की थी। साथ ही यह भी बताया था कि वह कंगाल नहीं हुए हैं। उनकी बातों को गलत समझ लिया गया।

पोस्ट में कुमार ने लिखा था, '2015-2016 मेरे जीवन का सबसे चुनौतीपूर्ण समय था। कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें। लोकल सेलेब्रिटी होने के कारण महीने में दस से पंद्रह दिन बिहार में कहीं न कहीं कार्यक्रम लगा ही रहता था। इसलिए पढ़ाई लिखाई धीरे-धीरे दूर जाती रही। साथ ही उस समय मीडिया को लेकर मैं बहुत ज्यादा सीरियस रहा करता था और मीडिया भी कुछ-कुछ दिन पर पूछ लेती थी कि आप क्या कर रहे हैं। इसको लेकर मैं बिना अनुभव के कभी यह बिजनेस, कभी वह बिजनेस करता था ताकि मैं मीडिया में बता सकूं की मैं बेकार नही हूं। परिणाम यह होता था कि बिजनेस कुछ दिन बाद डूब जाता था।'


फिर बने दानवीर

सुशील कुमार आगे लिखते हैं, 'केबीसी के बाद मैं दानवीर बन गया था और गुप्त दान का चस्का लग गया था। महीने में लगभग 50 हजार से ज्यादा ऐसे ही कार्यों में चला जाता था। इस कारण कुछ चालू टाइप के लोग भी जुड़ गए थे और मुझे गाहे-बगाहे खूब ठग लेते थे। यह बात दान करने के बहुत दिन बाद पता चलती थी। इसके चलते पत्नी के साथ भी रिश्ते धीरे धीरे खराब होते जा रहे थे। वह अक्सर कहा करती थी कि आपको सही गलत लोगों की पहचान नहीं है और भविष्य की कोई चिंता नही है। यह सब बात सुनकर हमको लगता था कि हमको नहीं समझ पा रही है। इस बात पर खूब झगड़ा हो जाया करता था।'

Susan Wojcicki Death: YouTube की पूर्व CEO सुसान वोज्स्की का निधन, 2 साल से कैंसर से थीं पीड़ित

फिर लगी शराब और सिगरेट की लत

इस बीच सुशील कुमार दिल्ली में कुछ कार ले कर अपने एक मित्र के साथ चलवाने लगे थे, जिसके कारण उन्हें लगभग हर महीने कुछ दिनों दिल्ली आना पड़ता था। इसी सिलसिले में उनका परिचय मीडिया की पढ़ाई कर रहे, रिसर्च कर रहे कुछ लड़कों, थिएटर आर्टिस्ट्स से हुआ। इनके बीच में रहकर खुद को अलग-थलग महसूस न करने की कोशिश में सुशील कुमार को शराब और सिगरेट की लत लग गई। कुमार को इन लोगों को सुनना अच्छा लगता था क्योंकि उनकी बातें कुमार के लिए बिल्कुल नई थीं। बाद में इन लोगों की संगति का यह असर हुआ कि मीडिया को लेकर धीरे-धीरे सुशील की सीरियसनेस कम हो गई ।

कैसे आई कंगाली की खबर

सुशील कुमार ने पोस्ट में लिखा है कि एक रात वह प्यासा फिल्म देख रहे थे और उसका क्लाइमेक्स चल रहा था। उसी वक्त उनकी पत्नी कमरे में आईं और चिल्लाकर कहा कि एक ही फिल्म बार-बार देखोगे तो पागल हो जाओगे। यही देखना है तो रूम से बाहर चले जाओ। पत्नी के साथ सुशील की बातचीत एक महीने से बंद थी और बात हुई भी तो ऐसे। यह सुनकर सुशील कुमार घर से बाहर चले गए और मोहल्ले में चुपचाप टहलने तभी एक अंग्रेजी अखबार से एक जर्नलिस्ट का फोन आया और कुछ देर बात करने के बाद उनके एक सवाल पर सुशील चिढ़ गए। गुस्से में उन्होंने कह दिया कि उनके सारे पैसे खत्म हो गए हैं और दो गाय पाले हुए हैं। उसी का दूध बेचकर गुजारा करते हैं। इसके बाद यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गई।

लेकिन हकीकत यह थी कि सुशील कुमार कंगाल नहीं हुए थे। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि उनकी स्थिति बहुत अच्छी है और खुशहाल जीवन जी रहे हैं। साथ ही बहुत सारे अच्छे सामाजिक कार्य भी कर रहे हैं। लेकिन कंगाल होने की खबर के फैलते ही जो लोग दौलत और शोहरत के चलते उनके इर्द-गिर्द थे, उन्होंने कुमार से किनारा कर लिया। उन्हें अब किसी कार्यक्रम में बुलाया नहीं जाता था। लेकिन यह एक तरह से उनके लिए अच्छा ही हुआ। उन्हें अपने जीवन के विकल्पों और आगे किस दिशा में जाना है, इस पर विचार करने का समय मिला।

फिल्म निर्देशक बनने का भी देखा सपना

फिल्मों से लगाव होने के कारण सुशील कुमार के मन में फिल्म डायरेक्टर बनने का सपना कुलबुलाने लगा था। इसी बीच एक दिन पत्नी से खूब झगड़ा हो गया और वह अपने मायके चली गईं। बात तलाक लेने तक पहुंच गई। तब सुशील को यह अहसास हुआ कि अगर रिश्ता बचाना है तो बाहर जाना होगा। इसके बाद वह डायरेक्टर बनने का सपना लेकर चुपचाप बिल्कुल नए परिचय के साथ मुंबई चले गए। अपने एक परिचित प्रोड्यूसर मित्र से बात करके जब उन्होंने अपनी बात कही तो उस मित्र ने फिल्म से जुड़े कुछ टेक्निकल सवाल किए। इसका जवाब सुशील नहीं दे पाए। मित्र ने कहा कि कुछ दिन टीवी सीरियल में कर लीजिए बाद में किसी फिल्म डायरेक्टर के साथ आपको जोड़े देंगे।

Blinkit से घर बैठे 10 मिनट में पाएं पासपोर्ट साइज फोटो, शुरू हुई नई सर्विस

सुशील लिखते हैं कि इसके बाद वह एक बड़े प्रोडक्शन हाउस में काम करने लगे। वहां पर कहानी, स्क्रीन प्ले, डायलॉग कॉपी, प्रॉप कॉस्टयूम, कंटीन्यूटी और न जाने क्या करने देखने समझने का मौका मिला। उसके बाद उनका मन बेचैन होने लगा। आंगन, किचन, बेडरूम में ज्यादातर शूट होता था और सुशील चाह कर भी मन नहीं लगा पाते थे। इसके बाद वह अपना सपना छोड़ कर एक परिचित गीतकार मित्र के साथ उसके रूम में रहने लगे। दिन भर लैपटॉप पर फिल्म देखते और अपने साथ लाईं किताबों को पढ़ते रहते। लगभग 6 महीने लगातार यही चलता रहा। इस बीच वह दिन भर में एक डिब्बा सिगरेट खत्म कर देते थे।

इसके बाद अंदर की सच्चाई से हुए रूबरू

दिन भर अकेले ही रहने से और पढ़ने लिखने से सुशील कुमार को अहसास हुआ कि वह सच्चाई से भाग रहे हैं। घमंड को कभी शांत नही किया जा सकता। बड़े होने से हजार गुना ठीक है, अच्छा इंसान होना। जितना हो सके देश समाज का भला करना, जिसकी शुरुआत अपने घर/गांव से की जानी चाहिए। सुशील की पोस्ट के मुताकि, इसी दौरान उन्होंने 3 कहानियां लिखीं, जिनमें से एक कहानी एक प्रोडक्शन हाउस को पसंद भी आई और उसके लिए उन्हें लगभग 20 हजार रुपये भी मिले।

इसके बाद सुशील बिहार अपने घर वापस आ गए और टीचर बनने की तैयारी करने लगे। सुशील के मुताबिक, आखिरी बार उन्होंने शराब मार्च 2016 में पी थी। उसके कुछ साल बाद सिगरेट भी खुद ब खुद छूट गई।

2023 का दिसंबर महीना लाया खुशखबरी

साल 2023 के दिसंबर महीने में सुशील कुमार का चयन मनोविज्ञान विषय के सरकारी शिक्षक के तौर पर हुआ था। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था, 'मेरा बीपीएससी टीचर 11-12 में (मनोविज्ञान विषय) के साथ और 6-8 (सोशल साइंस) का रिजल्ट आ गया।' उन्हें क्रमश: 119वीं और 1692वीं रैंक हासिल हुई थी। करोड़पति बनने के बाद समाज के लिए कुछ करने की मंशा से उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के दिशा में काफी काम किए। इसमें उनके द्वारा चलाया गया ‘गौरैया संरक्षण अभियान’ और ‘चंपा से चंपारण’ अभियान पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना।

इंसान बना हैवान! कुत्तों का किया रेप और हत्या, अदालत ने दी 249 साल की सजा! कोर्ट में फूट-फूट कर रोने लगा दरिंदा

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।