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Fali S Nariman Death: सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील फली एस नरीमन का हुआ निधन, 95वें की उम्र में ली आखिरी सांस

Fali S Nariman Death: 95वें की उम्र में फली एस नरीमन का निधन हो गया। फली एस नरीमन ने अपनी जिंदगी में कई महत्वपूर्ण केस लड़े और कई जरूरी फैसलों के सूत्रधार रहे। इंदिरा गांधी सरकार के एक फैसले के खिलाफ तो उन्होंने अपने पद से ही इस्तीफा दे दिया था। जानिए सीनियर वकील की महत्वपूर्ण एचीवमेंट्स के बारे में-

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 21, 2024 पर 9:23 AM
Fali S Nariman Death: सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील फली एस नरीमन का हुआ निधन, 95वें की उम्र में ली आखिरी सांस
भारत के सीनियर सुप्रीम कोर्ट वकील फली एस नरीमन का 95वें की उम्र में निधन हो गया जानिए इंदिरा गांधी से भिड़ने वाली इस हस्ती के बारे में

Fali S Nariman Death: भारत के वरिष्ठ वकील फली एस नरीमन (Fali S Nariman Passed Away) का निधन हो गया। उन्होंने 95 साल की उम्र में बुधवार (21 फरवरी 2024) को अंतिम सांस ली। वरिष्ठ वकील नरीमन ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी सरकार (Indira Gandhi Government) फैसले के खिलाफ एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पद (Additional Solicitor General) से इस्तीफा दे दिया था। नरीमन कई ऐतिहासिक मामलों का हिस्सा रहे हैं, जिनमें प्रसिद्ध एनजेएसी (NJAC) फैसला भी शामिल है।

Fali S Nariman का महत्वपूर्ण केस जिसने दिया कॉलेजियम को जन्म

फली एस नरीमन ने अपने जीवन में कई ऐतिहासिक मामलों पर बहस की है। वह महत्वपूर्ण SC AOR एसोसिएशन मामले (जिसके कारण कॉलेजियम प्रणाली का जन्म हुआ), TMA Pai मामला जिससे अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक अधिकारों के दायरे तय किए गए। जून 1975 में उन्होंने विरोध करने के लिए भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के पद से इस्तीफा दे दिया था।

Fali S Nariman ने इंदिरा गांधी के इमरजेंसी लगाने पर दे दिया था इस्तीफा

12 जून 1975 की बात है। फली एस नरीमन एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के पद पर कार्यरत थे। तभी इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस जगमोहन सिन्हा ने इंदिरा गांधी को अयोग्या करार दे दिया। फली एस नरीमन ने दिखा कि 12 जून 1975 इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला कई पहलुओं पर कमजोर है। ऐसे में उन्होंने ये बात कानून मंत्री एचआर गोखले और पीएनधर को भी बता दी। उनके मुताबिक प्रधानमंत्री ने उनसे पर्सनल रिक्वेस्ट करवाई कि वो इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होने वाली याचिका और स्टे एप्लीकेशन को देख लें। इंदिरा गांधी के उस समय के वकील नानी पालखीवाला पहले से ही दस्तावेज रेडी कर चुके थे।

Fali S Nariman ने सुप्रीम कोर्ट को भेजी याचिका

19 जून को याचिका के वेरिफिकेशन पैराग्राफ में फली एस नरीमन ने कई बदलाव करवाए लेकिन सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालने में दो दिन की देरी हो गई। वजह इंदिरा गांधी ज्योतिष के मुताबिक किसी अच्छे दिन याचिका दायर करवाना चाहती थीं। 22 जून को नानी पालखीवाला ने स्टे एप्लीकेशन पर वैकेशन जज के सामने बहस की । 23 जून को नरीमन पत्नी के साथ छुट्टियां मनाने बॉम्बे निकल गए। ट्रेन में खबर देखी कि गृह सचिव को ट्रांसफर करवा दिया गया है। फली एस नरीमन काफी हैरान हुए कि आखिर आनन-फानन में गृह सचिव के तबादले की क्या जरूरत पड़ गई। सुप्रीम कोर्ट ने भी इंदिरा गांधी को पूरी राहत देने से मना कर दिया।

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