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तेलंगाना सुरंग में फंसे मजदूरों के बचने के आसार बेहद कम, रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हुई सिलक्यारा टनल वाली टीम

Telangana Tunnel Accident: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में सुरंग के गिरे हिस्से में फंसे 8 श्रमिकों को बचाने की कोशिश तेज कर दी गई है। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय एजेंसियां लगातार कोशिश में जुटी हुई हैं। इस बीच सिक्यारा सुरंग बचाव दल के सदस्य भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हो गए हैं। बचाव कार्य में मलबा और पानी सबसे रुकावट बन रहा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 24, 2025 पर 12:56 PM
तेलंगाना सुरंग में फंसे मजदूरों के बचने के आसार बेहद कम, रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हुई सिलक्यारा टनल वाली टीम
Telangana Tunnel Accident: साल 2023 में सिलक्यारा टनल का एक हिस्सा गिर गया था। जिसमें 17 दिन बाद 41 लोगों को सुरक्षित निकाला गया था।

तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग के अंदर पिछले 48 घंटे से 8 मजदूर फंसे हुए हैं। इन्हें बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान तेज हो गया है। फंसे लोगों में 2 इंजीनियर भी हैं। रेस्क्यू के लिए स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF), फायर सर्विसेज डिपार्टमेंट और नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की तीन टीमें जी जान से जुटी हुई हैं। इस बीच बचाव कार्य में अब साल 2023 के उत्तराखंड के बहुचर्चित सिलक्यारा सुरंग हादसे के बाद चमत्कारिक रेस्क्यू करने वाली टीम के 6 सदस्य भी एसएलबीसी टनल में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हो चुके हैं।

तेलंगाना सरकार के मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने कहा कि हादसा सुरंग के मुहाने से करीब 13 किलोमीटर दूर हुआ है। रेस्क्यू टीम फंसे हुए लोगों से 100 मीटर दूर है। लेकिन पानी और कीचड़ की वजह से ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। मजदूरों के बचने के आसार बेहद कम हैं। हमारी कोशिश जारी है।

मजदूरों तक पहुंचने में 3-4 दिन लगेंगे

मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने अपने बयान में आगे कहा कि बचाव अभियान को अंतिम चरण तक पहुंचने में कम से कम तीन से चार दिन लगेंगे। इसकी वजह ये है कि दुर्घटना की जगह कीचड़ और मलबे से भरी हुई है। जिससे बचावकर्मियों को वहां तक पहुंचने में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इससे पार पाना एक चुनौतीपूर्ण काम है। उपकरणों को आगे बढ़ाने से पहले हमें पानी निकालना होगा। उसके बाद ही मलबा हटाने का काम शुरू हो सकता है। पानी निकालने की प्रक्रिया तेज करने के लिए अतिरिक्त मोटरें लाई गई हैं। मैंने सुरंग का दौरा किया है। दुर्घटनास्थल से करीब 50 मीटर दूर था। सुरंग के 9 मीटर व्यास में से करीब 30 फीट, उस 30 फीट में से, 25 फीट तक कीचड़ जमा हो गया है।

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