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उदयपुर के सिटी पैलेस का किराया सुनकर उड़ जाएंगे होश, भारत का दूसरा सबसे बड़ा शाही महल

उदयपुर का सिटी पैलेस हाल ही में महाराणा प्रताप के वंशजों के बीच अधिकार विवाद के कारण चर्चा में है। भाजपा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ और उनके चाचा अरविंद सिंह के बीच महल और एकलिंगनाथ मंदिर के प्रबंधन को लेकर संघर्ष जारी है। यह विवाद पारंपरिक शाही अनुष्ठानों पर रोक लगाने को लेकर बढ़ा। सिटी पैलेस एक ऐतिहासिक स्थल है, जहां शादी की बुकिंग करोड़ों में होती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 27, 2024 पर 6:21 PM
उदयपुर के सिटी पैलेस का किराया सुनकर उड़ जाएंगे होश, भारत का दूसरा सबसे बड़ा शाही महल
उदयपुर सिटी पैलेस: इतिहास, वास्तुकला और भव्य आयोजनों का केंद्र(google)

उदयपुर का सिटी पैलेस, जो राजस्थान के शाही वैभव और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, हाल ही में ये महल अपने कानूनी विवाद के कारण चर्चा में है। महाराणा प्रताप के वंशजों के बीच इस भव्य स्थल पर अधिकार को लेकर जंग छिड़ी हुई है। सिटी पैलेस न केवल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है, बल्कि यह डेस्टिनेशन वेडिंग्स के लिए भी काफी मशहुर है। यहां शादी करने का खर्चा काफी अधिक होता है। शादी के लिए सिटी पैलेस के अलग-अलग जगह का किराया लाखों से शुरू होकर करोड़ों तक जा सकता है।उदयपुर का सिटी पैलेस, अपनी शाही भव्यता के लिए प्रसिद्ध, इस बार राजपरिवार के विवादों के चलते चर्चा में है।

भाजपा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ और उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच महल के अधिकार को लेकर खींचतान जारी है। दोनों ही खुद को मेवाड़ राजघराने का असली उत्तराधिकारी बता रहे हैं।

उदयपुर सिटी पैलेस विवाद

यह विवाद भाजपा विधायक विश्वराज सिंह और उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच लंबे समय से चले आ रहे पारिवारिक संघर्ष का नतीजा है। दोनों महाराणा प्रताप के वंशज हैं। विवाद की जड़ सिटी पैलेस और एकलिंगनाथ मंदिर के प्रबंधन को लेकर है, जो फिलहाल अरविंद सिंह के नियंत्रण में हैं। महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद, उनके बेटे विश्वराज सिंह को राजपरिवार का मुखिया घोषित किया गया। उन्होंने परंपरा के तहत सिटी पैलेस और पारिवारिक मंदिर में जाने की इच्छा जताई। लेकिन अरविंद सिंह ने इसका विरोध करते हुए शाही अनुष्ठानों पर रोक लगाने के लिए सार्वजनिक नोटिस जारी कर दिया, जिससे विवाद और गहरा गया।

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