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Ahasolar Tech IPO: खुल गया सोलर सर्विसेज कंपनी का आईपीओ, ग्रे मार्केट से मिल रहे मजबूत संकेत

Ahasolar Tech IPO: सोलर से जुड़ी सर्विसेज मुहैया कराने वाली एसएमई कंपनी अहासोलर (Ahasolar) का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए आज खुल चुका है। इस इश्यू के तहत सिर्फ नए शेयर जारी होंगे। ग्रे मार्केट में बात करें तो इसके शेयर मजबूत स्थिति में दिख रहे हैं। इश्यू के साथ-साथ कंपनी और इसकी वित्तीय सेहत से जुड़ी पूरी डिटेल्स नीचे दी जा रही है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Jul 10, 2023 पर 11:51 AM
Ahasolar Tech IPO: खुल गया सोलर सर्विसेज कंपनी का आईपीओ, ग्रे मार्केट से मिल रहे मजबूत संकेत
2017 में बनी Ahasolar Tech सोलर एनर्जी से जुड़ी सर्विसेज मुहैया कराती है। यह कंपनी सोलर पीवी सिस्टम को मैनेज करने, बिक्री, डिजाइनिंग और उन्हें जुटाने की प्रक्रिया को आसान बनाती है। यह सोलर कंपनियों को सॉफ्टवेयर बनाने में मदद करती है और यह तकनीकी सहायता भी देती है। (Image- Pixabay)

Ahasolar Tech IPO: सोलर से जुड़ी सर्विसेज मुहैया कराने वाली एसएमई कंपनी अहासोलर (Ahasolar) का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए आज खुल चुका है। इस इश्यू के तहत सिर्फ नए शेयर जारी होंगे। ग्रे मार्केट में बात करें तो इसके शेयर मजबूत स्थिति में दिख रहे हैं। इस आईपीओ में बोली लगाने के लिए 157 रुपये का भाव तय हुआ है और ग्रे मार्केट में इसके शेयर 195 रुपये के भाव यानी 38 रुपये की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर ट्रेड हो रहे हैं। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल्स के आधार पर निवेश से जुड़ा फैसला लेना चाहिए। इश्यू के साथ-साथ कंपनी और इसकी वित्तीय सेहत से जुड़ी पूरी डिटेल्स नीचे दी जा रही है।

Ahasolar Tech IPO की डिटेल्स

इसके 12.85 करोड़ रुपये के आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 818400 नए इक्विटी शेयर जारी होंगे। सब्सक्रिप्शन के लिए यह 13 जुलाई तक खुला रहेगा। इस इश्यू के लिए 157 रुपये का भाव और 800 शेयरों का लॉट फिक्स किया गया है। आईपीओ की सफलता के बाद शेयरों का अलॉटमेंट 18 जुलाई को फाइनल होगा और बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म BSE SME पर 21 जुलाई को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार केफिन टेक है। अब आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों के इस्तेमाल की बात करें तो यह सोलर पीवी प्लांट डेवलप करने, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने, ईवी खरीदने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने, आईपीओ के खर्चों और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में इस्तेमाल होगा।

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