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स्टार्टअप्स के IPO के लिए डिस्क्लोजर नियमों को और सख्त करना चाहता है SEBI

मार्केट रेगुलेटर सेबी अब IPO लॉन्च करने वाली स्टार्टअप्स की DRHP फाइलिंग के डिस्क्लोजर को लेकर नियमों को सख्त करने की तैयारी में है। मामले से वाकिफ कई सूत्रों ने सीएनबीसी टीवी18 को यह जानकारी दी है। कुछ समय पहले ऑनलाइन स्टार्टअप फर्स्टक्राई को अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स (DRHP) फिर से फाइल करना पड़ा था

MoneyControl Newsअपडेटेड May 09, 2024 पर 5:23 PM
स्टार्टअप्स के IPO के लिए डिस्क्लोजर नियमों को और सख्त करना चाहता है SEBI
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्राइवेट राउंड में निवेशकों को दी गई सभी जानकारी IPO के लिहाज से उपयोगी नहीं रहती है

मार्केट रेगुलेटर सेबी अब IPO लॉन्च करने वाली स्टार्टअप्स की DRHP फाइलिंग के डिस्क्लोजर को लेकर नियमों को सख्त करने की तैयारी में है। मामले से वाकिफ कई सूत्रों ने सीएनबीसी टीवी18 को यह जानकारी दी है। कुछ समय पहले ऑनलाइन स्टार्टअप फर्स्टक्राई (FirstCry) को अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स (DRHP) फिर से फाइल करना पड़ा था। दरअसल, मार्केट रेगुलेटर ने कंपनी से ज्यादा केपीआई (की परफॉर्मेंस इंडिकेटर) डिस्क्लोजर मांगे थे, जो पिछले 3 साल में प्राइवेट फंडिंग जुटाने के दौरान निवेशकों के साथ साझा किए गए थे।

एक सूत्र ने नाम जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया, 'यह सिर्फ फर्स्टक्राई का मामला नहीं है। सेबी ने सभी IPO फाइलिंग को लेकर सख्ती जारी की है। नए दौर की कंपनियों को लेकर ज्यादा दिक्कत है, जहां निवेशकों की भीड़ ज्यादा है और सेबी चाहता है कि ये कंपनियां अपने केपीआई को लेकर ज्यादा जानकारी साझा करें।' सटीक केपीआई की पहचान और परफॉर्मेंस की अहम मेट्रिक को लेकर जारी अनिश्चिततता के बीच स्टार्टअप्स और उनके निवेशकों को लेकर मार्केट रेगुलेटर में चिंता है।

क्या शेयर करना है?

इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्राइवेट राउंड में निवेशकों को दी गई सभी जानकारी IPO के लिहाज से उपयोगी नहीं रहती है। एक इनवेस्टमेंट बैंकर का कहना था, ' DRHP में सभी मेट्रिक साझा की जाती हैं। प्राइवेट इनवेस्टर साफ-सुथरे निवेशक होते हैं, लेकिन पब्लिक लिस्टिंग के मामले में ऐसा नहीं होता।' एक और एक्सपर्ट ने बताया, 'रेगुलेटर ने कहा था कि पिछले तीन साल में निवेशकों के साथ साझा किए गए केपीआई (KPIs) को DRHP में डिस्क्लोज करना चाहिए। हालांकि, इंडस्ट्री स्टैंडर्ड के मुताबिक, KPI साझा करने का मामला IPO के विवेक पर आधारित था। हाल में इस मामले में काफी बदलाव देखने को मिला है।'

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