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Tata Technologies IPO: टाटा टेक्नोलॉजी के बिजनेस और वित्तीय सेहत को जान लें, फिर करें निवेश का फैसला

3,042.51 करोड़ का यह इश्यू पूरी तरह ऑफर फॉर सेल (OFS) है। इश्यू में 6.08 करोड़ शेयर बेचे जाएंगे। यह कंपनी के पेड-अप कैपिटल का 15 फीसदी है। इस इश्यू को लेकर ज्यादातर एनालिस्ट्स की राय अच्छी है। लेकिन, कुछ चीजों को लेकर चिंता है। प्रतिद्वंद्वी कंपनियो के मुकाबले टाटा टेक्नोलॉजीज के रेवेन्यू की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) कम है। बिजनेस के लिए कंपनी की निर्भरता Tata Motors और जगुआर लैंड रोवर पर है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 22, 2023 पर 1:13 PM
Tata Technologies IPO: टाटा टेक्नोलॉजी के बिजनेस और वित्तीय सेहत को जान लें, फिर करें निवेश का फैसला
टाटा टेक्नोलॉजी का प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो (PE) 33 गुना है, जो KPIT के 105 गुना से बहुत कम है। L&T Technology के 40 गुना पीई से भी यह कम है। Tata Elxsi का पीई 70 गुना और Cyient का 37 गुना है।

Tata Technologies का आईपीओ 22 नवंबर को खुल गया है। यह टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी है। यह करीब दो दशक में टाटा समूह का पहला आईपीओ है। इससे पहले 2004 में TCS का आईपीओ आया था। टाटा टेक्नोलॉजीज का आईपीओ 24 नवंबर को बंद हो जाएगा। कंपनी ने इश्यू के लिए 475-500 रुपये का प्राइस बैंड तय किया है। 3,042.51 करोड़ का यह इश्यू पूरी तरह ऑफर फॉर सेल (OFS) है। इश्यू में 6.08 करोड़ शेयर बेचे जाएंगे। यह कंपनी के पेड-अप कैपिटल का 15 फीसदी है। इस इश्यू को लेकर ज्यादातर एनालिस्ट्स की राय अच्छी है। लेकिन, कुछ चीजों को लेकर चिंता है। प्रतिद्वंद्वी कंपनियो के मुकाबले टाटा टेक्नोलॉजीज के रेवेन्यू की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) कम है। बिजनेस के लिए कंपनी की निर्भरता Tata Motors और जगुआर लैंड रोवर पर है। कंपनी के बिजनेस में ऑटोमोटिव सेगमेंट की हिस्सेदारी बहुत ज्यादा है। इस इश्यू में निवेश करने से पहले कंपनी के बारे मं बुनियादी बातें जान लेना जरूरी है।

टाटा टेक्नोलॉजी क्या करती है?

यह कंपनी ग्लोबल इंजीनियरिंग रिसर्च एंड डेवलपमेंट (ER&D) सर्विसेज इंडस्ट्री में है। यह प्रोडक्ट डेवलपमेंट और डिजिटल सॉल्यूशंस ऑफर करती है। ग्लोबल ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स और उनके टीयर-1 सप्लायर्स को सर्विस देती है। कंपनी के पास ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की विशेषज्ञता है। वह इसका इस्तेमाल एयरोस्पेस, ट्रांसपोर्टेशन और कंस्ट्रक्शन हेवी मिशिनरी कंपनियों को सेवाएं देने के लिए करती है। कंपनी के बिजनेस को दो सेगमेंट में बांटा जा सकता है-सर्विसेज और टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन।

सर्विसेज कंपनी का प्राइमरी बिजनेस है। इसके तहत यह ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग क्लाइंट्स को आउटसोर्स्ड इंजीनियरिंग सर्विसेज और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सर्विसेज देती है। FY23 में ऑपरेशंस से कंपनी के रेवेन्यू में इस बिजनेस की हिस्सेदारी 80 फीसदी थी। सर्विसेज सेगमेंट के रेवेन्यू में ऑटोमोटिव सेक्टर की बड़ी हिस्सेदारी है। टाटा मोटर्स और जगुआर लैंड रोवर इसके सबसे बड़े क्लाइंट्स हैं। FY23 में ऑपरेशंस में कंपनी के रेवेन्यू में इनकी हिस्सेदारी करीब 34 फीसदी थी। कुल रेवेन्यू में ऑटोमोटिव सेगमेंट की हिस्सेदारी 69 फीसदी है। सर्विसेज सेगमेंट में बाकी हिस्सेदारी एयरोस्पेस और दूसरे मैन्युफैक्चरिंग वर्टिकल्स की है।

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