Bihar Lok Sabha Elections 2024: पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर चुनाव लड़ने से इनकार करने वाले भोजपुरी स्टार और सिंगर पवन सिंह (Pawan Singh) ने ऐलान किया है कि वह बिहार की काराकाट सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। पवन सिंह ने काराकाट से निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। काराकाट से बीजेपी की अगुवाई वाली NDA ने उपेंद्र कुशवाहा तो महागठबंधन ने भाकपा (माले) के राजाराम सिंह को उम्मीदवार बनाया है। अब काराकाट सीट पर भी रोमांचक मुकाबला देखने को मिल सकता है।
पवन सिंह ने खुद बुधवार को अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर इसकी जानकारी दी। अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, "'माता गुरुतरा भूमेरू' अर्थात माता इस भूमि से कहीं अधिक भारी होती हैं और मैंने अपनी मां से वादा किया था की मैं इस बार चुनाव लड़ूंगा। मैंने निश्चय किया है कि मैं 2024 का लोकसभा चुनाव काराकाट, बिहार से लड़ूंगा। जय माता दी।"
पवन सिंह के पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने पवन सिंह पुराने गानों में बंगाल की महिलाओं के चित्रण पर सवाल खड़े किए थे। कुछ ही घंटों में यह विवाद काफी बढ़ गया और सिंह ने पीछे हटना पड़ा। टीएमसी ने इस बंगाल की महिला सम्मान से जोड़ दिया था।
राजनीतिक पार्टियां क्यों लेती हैं स्टार का सहारा?
राजनीतिक दल संकट के दौरान या फिर अपनी सीट बढ़ाने के लिए सिनेमा जगत के कलाकारों का सहारा लेते हैं। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अभी तक चार मौजूदा सांसदों हेमा मालिनी (मथुरा), पूर्व TV एक्ट्रेस स्मृति ईरानी (अमेठी), अभिनेता रवि किशन (गोरखपुर) और दिनेश लाल यादव निरहुआ (आजमगढ़) को फिर से उम्मीदवार बनाया है। वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) ने हास्य धारावाहिक 'लापतागंज' की अभिनेत्री काजल निषाद को गोरखपुर से अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
दरअसल, राजनीतिक दल संकट में या फिर अपनी सीट बढ़ाने के लिए ऐसे लोकप्रिय चेहरों का सहारा लेते हैं। यह बहुत पुरानी परिपाटी है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद साल 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने इलाहाबाद (अब प्रयागराज) संसदीय सीट पर देश के दिग्गज नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के खिलाफ सिने अभिनेता अमिताभ बच्चन को उतारा था। वह जीत भी गए।
उस चुनाव में बच्चन को 2 लाख 97 हजार से ज्यादा मत मिले। जबकि बहुगुणा को एक लाख 10 हजार से भी कम मतों से संतोष करना पड़ा था। मथुरा में हेमा मालिनी को उनके ग्लैमर के साथ उनके पति धर्मेंद्र की जाति (जाट) के मतदाताओं की अच्छी संख्या के नाते बीजेपी ने मौका दिया। जबकि गोरखपुर में बीजेपी ने रवि किशन शुक्ला को ब्राह्मण बिरादरी के साधने के लिए उम्मीदवार बनाया है।