Get App

नोटा को सबसे ज्यादा वोट मिलने पर फिर से चुनाव कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ईसी को नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट में उस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें यह मांग की गई थी कि अगर नोटा को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं तो फिर से चुनाव कराए जाने के लिए नियम बनाया जाए। देश के सबसे बड़े कोर्ट ने इस मामले में चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 26, 2024 पर 3:24 PM
नोटा को सबसे ज्यादा वोट मिलने पर फिर से चुनाव कराने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ईसी को नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने 26 अप्रैल को ईवीएम के जरिए डाले गए सभी वोटों का वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) से मिलान करने की मांग वाली याचिका भी खारिज कर दी।

अगर लोकसभा चुनावों के नतीजे नोटा (नॉन ऑफ दी अबव) के पक्ष में आते हैं तो क्या होगा? दरअसल इस मामले में एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 अप्रैल को चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। इस याचिका में यह मांग की गई थी कि नतीजे नोटा के पक्ष में आने के मद्देनजर ऐसे नियम बनाए जाए कि संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में नतीजों को अमान्य घोषित कर दिया जाए और उस निर्वाचन क्षेत्र में फिर से चुनाव कराए जाएं। न्यूज एजेंसी एएनआई ने यह खबर दी है।

क्या है नोटा?

इस याचिका में यह भी मांग की गई है कि नोटा (NOTA) से कम वोट पाने वाले उम्मीदवार पर अगले पांच साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा दिया जाए। यह भी कि नोटा का प्रचार 'फिक्शनल कैंडिडेट' के रूप में किया जाए। इंडिया में यह प्रावधान है कि अगर वोटर किसी उम्मीदवार के पक्ष में मतदान नहीं करना चाहता है तो वह नोटा के पक्ष में मतदान कर सकता है। एक तरह से यह वोटर को चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवारों को खारिज करने का अधिकार देता है।

बेंच क्या है?

सब समाचार

+ और भी पढ़ें