इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजे राजनीति में एक बहुत बड़े बदलाव की ओर इशारा करते हैं। इन परिणाम ने भारतीय राजनीति में हुए जातिगत मंथन को उजागर कर दिया है। चुनाव नतीजों ने न केवल SC/ST/OBC/EBC/अल्पसंख्यकों के नए जाति समीकरणों का खुलासा किया है, बल्कि राजनीतिक स्पेक्ट्रम में एक नए दलित-बहुजन समीकरण को भी जन्म दिया है। देश की कुल 543 लोकसभा सीट में से 160 सीट ऐसी हैं, जहां दलित मतदाता का असर ज्यादा हैं या दूसरे शब्दों में कहें तो, जो दलित बहुल हैं। इस बार दलितों का साथ NDA को नहीं मिला, तभी तो बीजेपी के नेतृत्व वाले इस गठबंधन को दलित बहुल वाली 37 सीटों का नुकसान हुआ और वो 60 सीटों पर जीती।