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Lok Sabha Election 2024: साइकिल का सफर, मुलायम सिंह यादव ने कैसे चुना था समाजवादी पार्टी का चिनाव चिन्ह

UP Lok Sabha Election 2024: साइकिल, भारत के कई हिस्सों में परिवहन का सबसे सरल और सस्ता साधन है। हालांकि, उत्तर प्रदेश में अब ये सिर्फ किसी साधन तक सीमित नहीं रही, बल्कि ये उससे कई गुना आगे निकल कर एक शक्तिशाली राजनीतिक प्रतीक बन गई है। राज्य में साइकिल अब एक राजनीतिक विचारधारा के पीछे एकजुट होने वाले समुदाय की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतीक है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 30, 2024 पर 8:37 PM
Lok Sabha Election 2024: साइकिल का सफर, मुलायम सिंह यादव ने कैसे चुना था समाजवादी पार्टी का चिनाव चिन्ह
Lok Sabha Election 2024: साइकिल का सफर, मुलायम सिंह यादव ने कैसे चुना था समाजवादी पार्टी का चिनाव चिन्ह

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का रथ अब उत्तर प्रदेश के यादव बहुल इलाके में प्रवेश कर रहा है। चुनावी मौसम का आलम ये है कि कोई भी समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न साइकिल को देखने से नहीं चूक सकता। कुछ घरों में छतों या पेड़ों तक पर साइकिलें लटकी हुई हैं। मैनपुरी के रहने वाले अनुभवी पत्रकार विजय पंकज ने इस तस्वीर के संकेत के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "छतों पर साइकिलों का दिखना इस बात का साफ संकेत है कि परिवार का वोट किधर जाएगा। यह समाजवादी पार्टी के नेतृत्व में समर्थकों के लिए एक रैली स्थल की तरह बन गया, जो उनकी आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है।"

साइकिल, भारत के कई हिस्सों में परिवहन का सबसे सरल और सस्ता साधन है। हालांकि, उत्तर प्रदेश में अब ये सिर्फ किसी साधन तक सीमित नहीं रही, बल्कि ये उससे कई गुना आगे निकल कर एक शक्तिशाली राजनीतिक प्रतीक बन गई है। राज्य में साइकिल अब एक राजनीतिक विचारधारा के पीछे एकजुट होने वाले समुदाय की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतीक है।

साइकिल कैसे बनी सपा चुनाव चिन्ह

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संस्थापक सदस्य डॉ. सत्यनारायण सचान याद करते हैं कि कैसे पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के प्रतिष्ठित प्रतीक साइकिल को चुना था। उन्होंने इस संवाददाता से कहा, "वो एक महत्वपूर्ण क्षण था, जब हमने साइकिल को चुनाव चिन्ह के रूप में चुना, क्योंकि ये न केवल परिवहन का एक साधन है, बल्कि जमीनी स्तर और आम लोगों की भावना से जुड़ाव का प्रतीक भी है।"

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