दिल्ली-एनसीआर में जैसे ही सर्दियों का मौसम दस्तक देता है, वायु प्रदूषण का स्तर भी खतरनाक रूप लेने लगता है। दिवाली के धुएं और सड़क धूल के कारण हवा में सूक्ष्म कण, नाइट्रोजन और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसें तेजी से बढ़ जाती हैं। ये तत्व खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस या हृदय से जुड़ी समस्याओं वाले लोगों के लिए जोखिम बढ़ा देते हैं। बाहर की हवा में सांस लेना मुश्किल हो जाता है, और लगातार प्रदूषित वातावरण में रहने से खांसी, गले में जलन, आंखों में जलन और थकावट जैसी परेशानियां आम हो जाती हैं। दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार जा चुका है, जो “बहुत गंभीर” स्तर को दर्शाता है।
