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NCP और शिवसेना में टूट से पूरा हो सकता है PM मोदी के 'NDA 400 पार' का सपना, लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र बनेगा BJP की प्रयोगशाला

Lok Sabha Elections 2024: शिवसेना और NCP के अलग होने के बाद BJP को एक मजबूत गढ़ मिल गया। राज्य में सत्ता में आने के लिए BJP ने न केवल गठबंधन का नेतृत्व किया, बल्कि विपक्ष को भी कमजोर कर दिया। बीजेपी नेताओं ने भी मजबूत पकड़ बना ली है। यह भी कहा जा रहा है कि शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना, ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 08, 2024 पर 3:50 PM
NCP और शिवसेना में टूट से पूरा हो सकता है PM मोदी के 'NDA 400 पार' का सपना, लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र बनेगा BJP की प्रयोगशाला
Lok Sabha Elections 2024: NCP और शिवसेना में टूट से पूरा हो सकता है PM मोदी के 'NDA 400 पार' का सपना

Lok Sabha Elections 2024: आगामी लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Polls) में 400 सीटों के साथ सत्ता में लौटने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के लक्ष्य को पूरा करने में महाराष्ट्र (Maharashtra) एक अहम राज्य बन कर उभरेगा। राज्य के 48 सीटें इस आम चुनाव काफी कुछ तय करेंगी। आगे बढ़ने से पहले अगर 2019 के चुनाव नतीजों पर एक नजर डाली जाए, तो BJP ने 23 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि उसकी सहयोगी शिवसेना (Shiv Sena) ने राज्य में 18 सीटें जीती थीं। NCP के पास चार सीटें थीं और कांग्रेस के पास सिर्फ एक सीट थी।

राज्य के दो बड़े क्षेत्रीय दलों में फूट पड़ने के बाद से सभी का ध्यान अब महाराष्ट्र पर काफी ज्यादा है। ऐसा इसलिए क्योंकि क्षेत्रीय दिग्गज उद्धव ठाकरे और शरद पवार अपनी पार्टियों को विभाजित होते देख चुके हैं। BJP दूर खड़ी होकर ये सब देख रही है और इंतजार में है कि आने वाले लोकसभा चुनावों में इस दरार का सबसे अच्छा इस्तेमाल कैसे किया जाए।

सबसे पहले टूटी शिवसेना

सबसे पहले 21 जून, 2022 को एकनाथ शिंदे और सेना विधायकों के एक गुट ने तत्कालीन CM उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी कांग्रेस, NCP और शिवसेना के महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन में अपनी पहचान खो रही है। उद्धव गुट ने भी शिंदे को विधायक दल के नेता पद से बर्खास्त करने का प्रस्ताव पारित किया।

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