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Meerut Loksabha Election: क्या 'राम' अरुण गोविल मेरठ की अग्नि परीक्षा पार कर पाएंगे!

मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर बीजेपी ने जब अरुण गोविल को मैदान में उतारा तो विपक्षियों के सामने एक संकट जरूर आया कि वह गोविल के खिलाफ किसको मैदान में उतारे। अरुण गोविल के मैदान में उतरने से समाजवादी पार्टी तो इस कदर असमंजस में पड़ी कि उसे दो बार प्रत्याशी बदलने पड़े और फिर जब तीसरा नाम घोषित हुआ तब भी यह आशंका रही कि कहीं सपा प्रत्याशी को फिर से तो बदलेगी तो नहीं

Brijesh Shuklaअपडेटेड Apr 22, 2024 पर 4:39 PM
Meerut Loksabha Election: क्या 'राम' अरुण गोविल मेरठ की अग्नि परीक्षा पार कर पाएंगे!
Loksabha elections 2024: अरुण गोविल के सामने क्या BSP और समाजवादी पार्टी के नेता टिक पाएंगे. जानिए कैसा होगा मुकाबला

Meerut Lok sabha Election 2024: रामायण के राम अरुण गोविल मेरठ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में है । वह जहां जाते हैं लोग उनसे लपक कर मिलना चाहते हैं। कुछ लोग उनके पैर छूना चाहते हैं । कुछ महिलाएं और युवा सेल्फी लेना चाहती हैं। रामायण को दूरदर्शन पर आए तीन दशक से ज्यादा हो चुका है लेकिन अरुण गोविल का क्रेज बरकरार है। यह अलग बात है की विपक्षी उन पर हमला करते हैं और उन्हें बाहर का बताते हैं। विपक्षी कुछ भी कहें लेकिन अरुण गोविल के मैदान में उतरने से वे आशंकित भी है। इसीलिए विपक्षी नेता उन्हें नाटक का राम बताते हैं।

मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर बीजेपी ने अरुण गोविल को मैदान में उतारा। जब भाजपा नेतृत्व में अरुण गोविल का नाम प्रत्याशी के रूप में घोषित किया तो विपक्षियों के सामने एक संकट जरूर आया कि वह गोविल के खिलाफ किसको मैदान में उतारे। वास्तव में अरुण गोविल मेरठ के ही रहने वाले हैं। अरुण गोविल के मैदान में उतरने से समाजवादी पार्टी तो इस कदर असमंजस में पड़ी कि उसे दो बार प्रत्याशी बदलने पड़े और फिर जब तीसरा नाम घोषित हुआ तब भी यह आशंका रही कि कहीं सपा प्रत्याशी को फिर से तो बदलेगी तो नहीं।

बहुजन समाज पार्टी इस सीट पर देव व्रत त्यागी को मैदान में उतारा है। वह बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। जबकि समाजवादी पार्टी ने सबसे पहले भानु प्रताप सिंह को टिकट दिया। बाद में भानू प्रताप सिंह का टिकट भी बदल दिया और सरधना के विधायक अतुल प्रधान को प्रत्याशी बना दिया। लेकिन अतुल प्रधान का भी टिकट भी काट दिया गया और फिर मेरठ की पूर्व मेयर सुनीता वर्मा को प्रत्याशी बनाया। अब सुनीता वर्मा पर सपा उम्मीद लगाए बैठी है कि वह पार्टी की झोली में यह सीट डाल देगी।

समाजवादी पार्टी के लिए आसान नहीं चुनौती!

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