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इंडिया में 1950-2015 के बीच कुल आबादी में मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी 43% बढ़ी, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट

प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद ने 167 देशों की स्टडी के बाद यह रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसके मुताबिक, दक्षिण एशिया में म्यांमार के बाद इंडिया दूसरा ऐसा देश है, जहां 1950 से 2015 के बीच आबादी में बहुसंख्यक धार्मिक समुदाय की हिस्सेदारी घटी है

MoneyControl Newsअपडेटेड May 08, 2024 पर 5:25 PM
इंडिया में 1950-2015 के बीच कुल आबादी में मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी 43% बढ़ी, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट
इंडिया में 1950-2015 के बीच कुल आबादी में बहुसंख्यक धार्मिक समुदाय की हिस्सेदारी 84.68 फीसदी से घटकर 78.06 फीसदी पर आ गई है।

इंडिया में 1950-2015 के बीच कुल आबादी में बहुसंख्यक धार्मिक समुदाय की हिस्सेदारी में 7.81 फीसदी कमी आई है। इस दौरान कुल आबादी में मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी 43.15 फीसदी बढ़ी है। कुल आबादी में बहुसंख्यक धार्मिक समुदाय में कमी के लिहाज से इंडिया दुनिया में म्यांमार के बाद दूसरे पायदान पर है। म्यांमार में इस दौरान कुल आबादी में बहुसंख्यक धार्मिक समुदाय की हिस्सेदारी में 10 फीसदी कमी आई है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने दुनिया के 167 देशों का अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

इंडिया दक्षिण एशिया में दूसरा देश जहां बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में हिस्सेदारी घटी

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडिया में 1950-2015 के बीच कुल आबादी में बहुसंख्यक धार्मिक समुदाय (majority religious Communities) की हिस्सेदारी 84.68 फीसदी से घटकर 78.06 फीसदी पर आ गई है। उधर, कुल आबादी में मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी 1950 में 9.84 फीसदी थी, जो बढ़कर 2015 में 14.09 फीसदी हो गई है। इस तरह कुल आबादी में उनकी हिस्सेदारी में 43.15 फीसदी बढ़ी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में म्यांमार के बाद इंडिया दूसरा देश है, जहां बहुसंख्यक धार्मिक समुदाय की हिस्सेदारी कुल आबादी में घटी है।

भारत के पड़ोसी देशों में आबादी में बहुसंख्यकों की हिस्सेदारी कुल आबादी में बढ़ी

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