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नीतीश कुमार ने कर दी अगर 'वन नेशन, वन टैरिफ' की मांग! तो क्या मोदी 3.0 में मिलेगी इसे मंजूरी

भारत में, बिजली या बिजली के टैरिफ अलग-अलग हैं। बिजली उत्पादन कंपनियां (gencos) राज्य बिजली वितरण कंपनियों (discoms) को राज्य बिजली रेगुलटर की तरफ से मंजूर दर पर बिजली बेचती हैं। कोई भी बदलाव करने के लिए केंद्र सरकार को हर राज्य को इस पर सहमत कराना होगा। ऐतिहासिक रूप से, राज्यों की मंजूरी लेना

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 06, 2024 पर 9:27 PM
नीतीश कुमार ने कर दी अगर 'वन नेशन, वन टैरिफ' की मांग! तो क्या मोदी 3.0 में मिलेगी इसे मंजूरी
नीतीश कुमार ने कर दी अगर 'वन नेशन, वन टैरिफ' की मांग!

भारत में नई सरकार बनाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ आ रहे हैं। गठबंधन में वो बिजली क्षेत्र के लिए 'वन नेशन वन टैरिफ' की बड़ी मांग रख सकते हैं। कुमार ने पिछले साल भी बिहार में महंगी बिजली का मुद्दा उठाया था, लेकिन गठबंधन सरकार के चलते वो इस बार इसे अपने एजेंडे में टॉप पर रख सकते हैं। लेकिन ये मांग क्या है और इसमें चुनौतियां क्या होंगी?

वन नेशन, वन टैरिफ को लेकर क्या चर्चा है?

भारत में, बिजली या बिजली के टैरिफ अलग-अलग हैं। बिजली उत्पादन कंपनियां (gencos) राज्य बिजली वितरण कंपनियों (discoms) को राज्य बिजली रेगुलटर की तरफ से मंजूर दर पर बिजली बेचती हैं।

कुमार केंद्र सरकार से 'वन नेशन, वन टैरिफ' यानि पूरे देश में एक जैसे टैरिफ पर विचार करने के लिए कह रहे हैं। उनका हवाला देते हुए कहा गया है कि राज्य को केंद्रीय उपयोगिताओं से महंगी बिजली खरीदनी पड़ती है और इसे उपभोक्ताओं को कम रेट देना पड़ता है, जिससे राजकोष पर बोझ पड़ता है।

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