लोकसभा चुनाव में जनता सीधे मतदान करती है। जबकि राज्यसभा का चुनाव दो तरह से किया जाता है। पहला राज्यसभा का चुनाव विधानसभा के प्रतिनिधित्व के जरिए होता है। दूसरा अलग-अलग क्षेत्र से राष्ट्रपति की ओर से मनोनीत किया जाता है। राज्यसभा एक स्थायी सदन होता है। लोकसभा भंग हो सकती है, लेकिन राज्यसभा कभी भंग नहीं होती है। लोकसभा के मुकाबले राज्यसभा में सीटें कम होती हैं। संविधान के अनुच्छेद 80 के अनुसार, राज्यसभा में सांसदों की कुल संख्या 250 हो सकती है। इनमें से 238 सदस्य चुने जाते हैं, जबकि बाकी 12 सदस्यों को राष्ट्रपति की ओर से मनोनीत किया जाता है।