इस बार के लोकसभा चुनावों में मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या में बड़ी कमी आई है। इंडियन एक्सप्रेस के एक आर्टिकल के मुताबिक, इस बार 2019 के मुकाबले मुस्लिम उम्मीदवार की संख्या काफी घटी है। कुछ राजनीतिक दलों ने भी मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देने में कंजूसी दिखाई है। बीजेपी ने सिर्फ एक मुस्लिम को टिकट दिया है। उसके सहयोगी दल जदयू ने बिहार में सिर्फ एक मुस्लिम को उम्मीदवार बनाया है। इंडिया ब्लॉक में शामिल दलों ने भी ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में नहीं उतारा है। खास बात यह है कि इंडिया ब्लॉक के ज्यादातर दलों के साथ ही एनडीए का सहयोगी दल जदयू खुद को मुस्लिम समुदाय के हिमायती होने का दावा करते रहे हैं।