Get App

Kanpur Loksabha: कानपुर लोकसभा में क्या है माहौल? BJP-कांग्रेस की सीधी टक्कर में कौन पड़ रहा भारी? पढ़िए ये ग्राउंड रिपोर्ट

Kanpur Loksabha 2024: कानपुर लोकसभा सीट पर लड़ाई दिलचस्प होती दिख रही है। बीजेपी ने यहां से रमेश अवस्थी को उम्मीदवार बनाया है, जिन्हें शुरुआत में कार्यकर्ताओं के भारी नाराजगी का सामना करना पड़ा था। वहीं दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस ने यहां पर अपने कार्यकर्ता आलोक मिश्रा को टिकट दिया है। जबकि बहुजन समाज पार्टी ने यहां पर कुलदीप भदोरिया को टिकट दिया है

Brijesh Shuklaअपडेटेड May 11, 2024 पर 4:01 PM
Kanpur Loksabha: कानपुर लोकसभा में क्या है माहौल? BJP-कांग्रेस की सीधी टक्कर में कौन पड़ रहा भारी? पढ़िए ये ग्राउंड रिपोर्ट
Kanpur LokSabha: साल 1999, 2004 और 2009 में श्री प्रकाश जायसवाल कांग्रेस के टिकट पर कानपुर से चुनाव जीते

Kanpur Loksabha 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी रमेश अवस्थी (Ramesh Awasthi) कहां से आ गए और उन्हें किस आधार पर टिकट दिया गया? इसे लेकर बीजेपी कार्यकर्ता काफी दिनों तक उलझे रहे। शुरु के कुछ दिनों तक बीजेपी कार्यकर्ताओं को ही नहीं पता था कि आखिर कानपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार, रमेश अवस्थी हैं कौन? हालांकि बाद में पार्टी के नेताओं ने कार्यकर्ताओं के इस असंतोष को शांत किया, लेकिन दबे स्वर में कार्यकर्ताओं में इसे लेकर अपनी नाराजगी है। भारतीय जनता पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि कैसे अपने कार्यकर्ताओं को मैदान में समझाएं और मतदान के दिन मतदाताओं को मतदान केंद्र तक ले आएं।

कानपुर में बेनझावर के रहने वाले आलोक पांडे कहते हैं की बीजेपी आत्म मुग्ध हो गई है। उसे समझ ही नहीं आ रहा कि किसको टिकट देना चाहिए और किसको नहीं। वे यह सोचते हैं की जिसको वह मैदान में उतार देंगे वह चुनाव जीत जाएगा। यह कार्यकर्ताओं के लिए बहुत परेशानी का विषय है और चिंता का भी। हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने हाल के दिनों में अपने कार्यकर्ताओं की इस नाराजगी को काफी हद तक दूर करने की कोशिश की है। इसका असर भी दिखने लगा है और धीरे-धीरे बीजेपी के अधिकतर स्थानीय नेता एकजुट होकर भाजपा प्रत्याशी के लिए अब मैदान में उतर आए हैं और प्रचार कर रहे हैं।

कांग्रेस ने आलोक मिश्रा को दिया टिकट

दूसरी तरफ कांग्रेस ने यहां पर अपने कार्यकर्ता आलोक मिश्रा को टिकट दिया है। कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी भी उनके पीछे खड़ी है और यही बीजेपी के लिए चिंता का विषय भी है। कांग्रेस की कोशिश है किसी तरह वह इस सीट को फिर से हासिल कर ले। गंगा तट पर बसा कानपुर बड़ा ही दिलचस्प शहर है। कभी यहां पर कपड़े की मिलें हुआ करती थी और इसे उत्तर भारत का मैनचेस्टर कहते थे। अब यहां पर पान मसाला और गुटके का बड़ा कारोबार है। बहुत से लोग आपको मुंह में गुटखा चबाते हुए मिल जाएंगे और मुंह में गुटखा भरे हुए इसके खिलाफ भाषण भी देंगे।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें