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Asian markets : अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार्ता के बाद एशियाई बाजारों में चौतरफा तेजी

Asian markets : अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार्ता के बाद एशियाई बाजारों में चौतरफा तेजी देखने को मिल रही है। जापान में एक रीजनल स्टॉक एक्सचेंज 0.8 फीसदी की बढ़त के साथ 0.2 फीसदी ऊपर खुला। आस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया के शेयर बाजारों में भी तेजी नजर आ रही है

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Jun 11, 2025 पर 8:12 AM
Asian markets : अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार्ता के बाद एशियाई बाजारों में चौतरफा तेजी
Asian markets : गिफ्ट निफ्टी 37.50 अंक यानी 0.15 फीसदी की बढ़त के साथ 25,182 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं, Nikkei 225 इंडेक्स 0.45 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है

Global market : जापान में 0.8 फीसदी की बढ़त के साथ वहां का एक अहम इंडेक्स 0.2 फीसदी ऊपर खुला। ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया के स्टॉक इंडेक्सों में भी बढ़त देखने को मिल रही है। एसएंडपी 500 और नैस्डैक 100 के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट सपाट दिख रहे हैं। ऑफशोर युआन में बढ़त देखने को मिल रही है। जिससे ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड डॉलर में भी मामूली बढ़त देखने को मिल रही है।

अमेरिका के कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक ने कहा है कि अगर चीन के साथ रेयर अर्थ और मैग्नेट लाइसेंस का मामला सुलझ जाता है तो एक्सपर्ट कंट्रोल "कम हो सकता है"। उन्होंने आगे कहा कि अगर दोनों देशों के राष्ट्रपति सहमत होते हैं, तो अमेरिका और चीन इस योजना को लागू करेंगे। चीन के व्यापार प्रतिनिधि ली चेंगगांग ने लंदन में हुई वार्ता के बाद संवाददाताओं को बताया कि दोनों पक्ष पिछले महीने जिनेवा में बनी सहमति को लागू करने के लिए एक ढांचे पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गए हैं।

फाइनेंशियल मार्केट इस बात पर बारीकी से नज़र रखे हुए है कि क्या दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं ट्रेड वार को रोकने का कोई रास्ता खोज पाती हैं। तमाम अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस ट्रेड वार ने ग्लोबल इकोनॉमी को मंदी की ओर धकेल दिया है,जिसमें सबसे ज़्यादा नुकसान अमेरिका को ही हुआ है। हालांकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा 9 जुलाई तक अपने 'लिबरेशन डे' टैरिफ को स्थगित करने और जापान और भारत सहित तमाम देशों के साथ टैरिफ पर बातचीत शुरु करने से बाजार को कुछ राहत मिली है।

सैक्सो मार्केट्स की चारू चनाना का कहना है कि बाजार टकराव से समझौते की ओर होने वाले किसी बदलाव का स्वागत करेंगे। लेकिन आगे की बैठकें कब होंगी इस पर स्थिति साफ नहीं है। इससे यह संकेत मिलता है कि हम अभी भी खतरे से बाहर नहीं हैं-अब यह ट्रम्प और शी पर निर्भर है कि वे इस सौदे को मंजूरी दें और लागू करें।"

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