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AU Small Finance के शेयर एक साल के नए हाई पर, सरकार के इस प्रस्तार पर बने रॉकेट

AU Small Finance Bank Share Price: एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के शेयरों में आज खरीदारी का जोरदार रुझान दिखा और यह उछलकर एक साल के नए हाई पर पहुंच गया। इसके शेयरों को सरकार के एक फैसले से तगड़ा सपोर्ट मिला है। जानिए सरकार ने आखिर क्या फैसला किया है, जिसके चलते एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के शेयर एक साल के नए हाई पर पहुंचे गए?

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Dec 10, 2025 पर 2:06 PM
AU Small Finance के शेयर एक साल के नए हाई पर, सरकार के इस प्रस्तार पर बने रॉकेट
AU Small Finance Bank के शेयरों ने निवेशकों की ताबड़तोड़ कमाई कराई है और महज 9 महीने में ही निवेशकों का पैसा डबल कर दिया है।

AU Small Finance Bank Share Price: अमेरिकी फेड की मौद्रिक नीतियों के कमेटी की बैठक चल रही है और इसकी नीतियों का ऐलान होने से पहले घरेलू स्टॉक मार्केट में काफी उठा-पटक है। इन सबके बीच एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के शेयरों में आज खरीदारी का जोरदार रुझान दिखा और यह 3% से अधिक उछल गया। इसकी वजह ये है कि सरकार ने इसमें विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी पर एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के निवेशक चहक उठे। फिलहाल बीएसई पर यह 3.05% की बढ़त के साथ ₹1000.70 के भाव पर है। वहीं इंट्रा-डे में यह 3.76% उछलकर ₹1007.65 पर पहुंच गया था जो इसके शेयरों के लिए एक साल का रिकॉर्ड नया हाई लेवल है।

AU Small Finance Bank में कितने विदेशी निवेश को मिली मंजूरी?

डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज ने एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक को अपनी पेड-अप कैपिटल के 74% तक विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। बता दें कि मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस ने स्मॉल फाइनेंस बैंक के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी जिसमें विदेशी निवेश की मौजूदा 49% की सीमा को बढ़ाकर प्राइवेट सेक्टर के बैंकों के लिए दी गई अधिकतर मंजूरी तक करने की बात कही गई थी। स्मॉल फाइनेंस बैंक का कहना है कि विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाए जाने से इसे कंसालिडेटेड फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट (FDI) पॉलिसी के तहत पर्याप्त विदेशी निवेश बनाए रखने में मदद मिलेगी। सीएनबीसी-टीवी18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मंजूरी की वैधता पर कोई प्रतिबंध नहीं है। बता दें कि मौजूदा नियमों के तहत प्राइवेट सेक्टर बैंकों में ऑटोमैटिक रूट के जरिए 49% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी है और इससे अधिक यानी 74% तक हिस्सेदारी के लिए सरकार के मंजूरी की जरूरत पड़ती है।

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