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मार्केट की गिरावट में बॉटम फिशिंग करने से बचें, उल्टा पड़ सकता है दांव, 24500 टूटा तो बढ़ सकता है करेक्शन- रुचित जैन

5paisa.com रुचित जैन ने बाजार पर राय देते हुए कहा कि एफआईआई ने कैश सेगमेंट में अक्टूबर महीने ने 80 हजार करोड़ रुपये की बिकवाली की है। विदेशी निवेशकों ने इंडेक्स फ्यूचर्स में भी शॉर्ट पोजीशन बनाई है। एफआईआई के कैश सेगमेंट में बिकवाली और फ्यूचर इंडेक्स में शॉर्ट पोजीशन लेने से मार्केट में करेक्टिव फेज आते हैं। तब इंडेक्स और स्टॉक्स दोनों में गिरावट आती है

Edited By: Sunil Guptaअपडेटेड Oct 22, 2024 पर 2:37 PM
मार्केट की गिरावट में बॉटम फिशिंग करने से बचें, उल्टा पड़ सकता है दांव, 24500 टूटा तो बढ़ सकता है करेक्शन- रुचित जैन
निफ्टी पर रुचित जैन ने कहा कि इसमें 25400 के स्तर पर एक मजबूत सपोर्ट नजर आ रहा है। अगर ये सपोर्ट टूटता है तो इसमें और गिरावट आ सकती है। लिहाजा निवेशकों से वेट एंड वॉच की सलाह है

Expert View on Market: सरकारी कंपनियों, कैपिटल गुड्स और रियल्टी शेयरों में तगड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। तीनों सेक्टर इंडेक्स 2 से 3% तक फिसल गये हैं। सरकारी बैंकों में 5% फिसलकर PNB वायदा का टॉप लूजर बना। इसके साथ ही बैंक ऑफ बडौदा, केनरा बैंक और SBI भी 2 से 3% नीचे फिसल गया। वहीं दूसरी तिमाही के शानदार नतीजों के बाद सिटी यूनियन बैंक में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। ये बैंकिंग शेयर 15% उछाल के साथ बना वायदा का टॉप गेनर बना। बैंक के NIMs में उछाल देखने को मिला। इस बीच हमारे सहयोगी चैनल सीएनबीसी-आवाज़ से बातचीत में 5Paisa.com के रुचित जैन ने कहा कि अक्टूबर महीने में बाजार में दिखने वाला करेक्शन विदेशी निवेशकों की बिकवाली के चलते रहा है।

इस महीने FIIs ने की 80 हजार करोड़ रुपये की बिकवाली

रुचित जैन ने बाजार पर राय देते हुए कहा कि इस बार अक्टूबर महीने ने एफआईआई ने कैश सेगमेंट में 80 हजार करोड़ रुपये की बिकवाली की है। उन्होंने इंडेक्स फ्यूचर्स में भी शॉर्ट पोजीशन बनाई है। जब-जब ऐसा होता है कि एफआईआई कैश सेगमेंट में बिकवाली करते हैं और फ्यूचर इंडेक्स में शॉर्ट पोजीशन लेते हैं तब-तब मार्केट में करेक्टिव फेज आते हैं। इसमें इंडेक्स और स्टॉक्स दोनों में करेक्शन देखने को मिलता है।

उन्होंने आगे कहा कि जब तक विदेशी निवेशक अपनी सेलिंग से किनारा नहीं करते या जब तक फ्यूचर में शॉर्ट कवरिंग शुरू नहीं करते या जब तक विदेशी निवेशक बाजार में खरीदारी करना शुरू नहीं करते तब तक बाजार में करेक्टिव फेज बने रहने की आशंका है।

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