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Banking Reform : बडे़ बैंकिंग रिफॉर्म की तैयारी में सरकार, सरकारी बैंकों में FDI की सीमा 49% करने पर विचार

Banking Reform : सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ हफ्तों में पीएमओ में बैंकिंग रिफॉर्म पर बैठक हो सकती है। इस बैठक में 2-3 चीजों पर चर्चा हो सकती है। सबसे पहले तो सरकारी बैंकों में पूंजी जुटाने और इनमें FDI की सीमा बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है। सरकारी बैंकों में FDI की सीमा 20 फीसदी से ज्यादा करने पर विचार हो सकता है। एफडीआई की ये सीमा 20 फीसदी से बढ़ा कर 49 फीसदी की जा सकती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Nov 19, 2025 पर 6:00 PM
Banking Reform : बडे़ बैंकिंग रिफॉर्म की तैयारी में सरकार, सरकारी बैंकों में FDI की सीमा 49% करने पर विचार
सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ हफ्तों में पीएमओ में बैंकिंग रिफॉर्म पर बैठक हो सकती है। इस बैठक में 2-3 चीजों पर चर्चा हो सकती है। सबसे पहले तो सरकारी बैंकों में पूंजी जुटाने और इनमें FDI की सीमा बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है

Banking Reform : सरकार बड़े बैंकिंग रिफॉर्म की तैयारी कर रही है। इस दिशा में आगे कदम बढ़ाए जा रहे हैं। इस एक्सक्लूसिव खबर पर ज्यादा डिटेल के साथ सीएनबीसी-आवाज़ के लक्ष्मण रॉय ने बताया कि सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार का अगला फोकस बैंकिंग रिफॉर्म पर हो सकता है। बैंकिंग रिफॉर्म को लेकर जमीनी स्तर पर तैयारी चल रही है। इसके लिए वित्तमंत्रालय, वित्त विभाग और आरबीआई के बीच बातचीत हो रही है।

सूत्रों के मुताबिक अगले कुछ हफ्तों में पीएमओ में बैंकिंग रिफॉर्म पर बैठक हो सकती है। इस बैठक में 2-3 चीजों पर चर्चा हो सकती है। सबसे पहले तो सरकारी बैंकों में पूंजी जुटाने और इनमें FDI की सीमा बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है। सरकारी बैंकों में FDI की सीमा 20 फीसदी से ज्यादा करने पर विचार हो सकता है। एफडीआई की ये सीमा 20 फीसदी से बढ़ा कर 49 फीसदी की जा सकती है।

वित्त मंत्री ने इस बात पर लगातार जोर दिया है कि देश में 2 से 4 बड़े बैंक होने चाहिए। इस पर अब तेजी से काम होता दिख सकता है। इसके अलावा दो सरकारी बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव पर फिर से विचार संभव है। 2021-22 के बजट में सरकार ने इसका एलान भी किया था। लेकिन बाद में ये प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया था। लेकिन लगता है कि सरकार अब इस ओर कदम बढ़ाती दिख सकती है। अगले कुछ महीनों में बैंकिंग सेक्टर में काफी हलचल रह सकती है। इसका ठोस संकेत वित्त मंत्री बजट पेश करते समय दे सकती हैं।

 

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