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Jackson Hole Symposium से पहले इंडिया में बेयरिश पॉजिशन पर इनवेस्टर्स के 1 अरब डॉलर दांव पर लगे

जैक्सन होल सिंपोजियम का आयोजन हर साल होता है। यह सिंपोजियम ऐसे वक्त हो रहा है, जब इनफ्लेशन का अंदाजा लगाने में फेडरल रिजर्व की गलती सामने आ चुकी है। उसने पिछले साल इनफ्लेशन में वृद्धि को अस्थायी बताया था। लेकिन, यह लगातार बढ़ता गया

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 26, 2022 पर 3:54 PM
Jackson Hole Symposium से पहले इंडिया में बेयरिश पॉजिशन पर इनवेस्टर्स के 1 अरब डॉलर दांव पर लगे
फेडरल रिजर्व को इस सवाल का जवाब देना है कि अमेरिकी इकोनॉमी मंदी में जा चुकी है या नहीं। अमेरिकी इकोनॉमी में लगातार दो तिमाही गिरावट दर्ज की जा चुकी है

अमेरिका में जैक्सन होल सिंपोजियम (Jackson Hole Symposium) से पहले इंडिया में बेयरिश पॉजिशन पर इनवेस्टर्स के 1 अरब डॉलर से ज्यादा दांव पर लगे हैं। जैक्सन होल सिंपोजियम शुक्रवार (26 अगस्त) को भारतीय समय के अनुसार रात में शुरू होगा। इसमें अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के चेयरमैन जेरोम पॉवेल (Jerome Powell) मॉनेटरी पॉलिसी के रुख के बारे में संकेत देंगे।

जैक्सन होल सिंपोजियम का आयोजन हर साल होता है। यह सिंपोजियम ऐसे वक्त हो रहा है, जब इनफ्लेशन का अंदाजा लगाने में फेडरल रिजर्व की गलती सामने आ चुकी है। उसने पिछले साल इनफ्लेशन में वृद्धि को अस्थायी बताया था। लेकिन, यह लगातार बढ़ता गया। इसे काबू में करने के लिए फेडरल रिजर्व को मजबूरन इंटरेस्ट रेट कई बार बढ़ाना पड़ा। मार्च से वह इंटरेस्ट रेट 2.25 फीसदी बढ़ा चुका है।

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अब फेडरल रिजर्व को इस सवाल का जवाब देना है कि अमेरिकी इकोनॉमी मंदी में जा चुकी है या नहीं। अमेरिकी इकोनॉमी में लगातार दो तिमाही गिरावट दर्ज की जा चुकी है। लगातार दो तिमाही जीडीपी में गिरावट आने पर माना जाता है कि इकोनॉमी मंदी में पहुंच गई है। अमेरिका के प्रॉपर्टी मार्केट में बहुत ज्यादा सुस्ती दिख रही है। अब तक फेडरल रिजर्व के सदस्यों का यह मानना रहा है कि अमेरिकी इकोनॉमी मंदी में नहीं है। इसकी वजह यह है कि लेबर मार्केट में स्थिति अच्छी बनी हुई है।

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